हलचल

इतिहास गवाह है देश का सबसे बड़ा सम्मान भारत रत्न हमेशा रहा है विवादों में!

भारत में सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न को लेकर फिर से विवाद छाए हुए हैं। इस बार असम के संगीतकार और कवि भूपेन हजारिका को लेकर बहस जोरों पर है जिन्हें 26 जनवरी 2019 को मरणोपरांत भारत रत्न पुरस्कार दिया गया था। भूपेन हजारिका का निधन 2011 में हुआ था। सोमवार को हजारिका के बेटे तेज हजारिका ने नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध करते हुए सरकार को सकते में डाल दिया है।

भारत रत्न देने की मान्यता 1954 से चली आ रही है। दशकों से यह अक्सर किसी ना किसी तरह से विवादों की परिस्थितियों में रहा है। अधिकतर विवाद ये सम्मान दिए जाने के मानदंड को लेकर होते रहे हैं। हम आपको भारत रत्न से जुड़े विवादों के बारे में आज बताने जा रहे हैं।

कुमारस्वामी कामराज

कुमारस्वामी कामराज भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के सदस्य थे और उन्होंने जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु के बाद पार्टी के प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। वे स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल थे। विशेष रूप से मद्रास में जहां उन्होंने सत्याग्रह शुरू किया था। 1976 में इंदिरा गांधी सरकार ने मरणोपरांत कामराज को भारत रत्न से सम्मानित किया। हालांकि इस फैसले ने कई लोगों की तीखी आलोचना की जिन्होंने इस कदम को 1977 में तमिलनाडु विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं को प्रभावित करने की कोशिश के रूप में देखा।

एम जी रामचंद्रन (MGR)

1988 में, तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने तमिल सुपर स्टार और तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम जी रामचंद्रन (एमजीआर) को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया। तमिलनाडु में एमजीआर की बेशुमार लोकप्रियता जगजाहिर है। हालांकि इस कदम की भी कुछ लोगों ने वोटों को आकर्षित करने का जरिया समझा। 1989 के विधानसभा चुनावों के लिए मतदाताओं को लुभाने का आरोप सरकार पर लगा।

भीमराव अंबेडकर

1990 में जब वी पी सिंह की सरकार ने दलित अधिकार कार्यकर्ता बी आर अंबेडकर को भारत रत्न से सम्मानित करने का फैसला किया तब भी इसी तरह का विवाद हुआ था। संयोग से देश उस साल अंबेडकर के शताब्दी समारोह का जश्न मना रहा था। हालांकि अंबेडकर को मरणोपरांत पुरस्कार देने के सिंह के फैसले को दलित मतदाताओं को लुभाने के साधन के रूप में देखा गया।

सुभाष चंद्र बोस

जनवरी 1992 में, सरकार ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस को भारत रत्न से सम्मानित करने के अपने निर्णय की घोषणा की। हालाँकि, इस खबर को बहुत निराशा के साथ देखा गया और पुरस्कार को निरस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई। याचिकाकर्ता ने प्रेस रीलीज में ‘मरणोपरांत’ शब्द को लेकर विरोध जाहिर किया और इस तथ्य की ओर इशारा किया था कि सरकार ने 18 अगस्त 1945 को बोस की मृत्यु को आधिकारिक तौर पर स्वीकार नहीं किया था। इसके तुरंत बाद, बोस के परिवार ने इस सम्मान को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

सचिन तेंदुलकर

नवंबर 2013 में सरकार ने सचिन तेंदुलकर को इस पुरस्कार के सबसे कम उम्र शख्सियत के रूप में सम्मानित किया। हालांकि, इस फैसले पर जल्द ही गंभीर विवाद हो गया। कई लोगों ने तर्क दिया कि तेंदुलकर से पहले अन्य कई प्रतिष्ठित खिलाड़ी थे जैसे कि विश्वनाथन आनंद, ध्यानचंद जैसे अन्य लोगों को भी सम्मानित नहीं किया गया था। इसके अलावा, चुनाव आयोग को सौंपी गई एक जनहित याचिका में कहा गया है कि तेंदुलकर को राज्य सभा में कांग्रेस का एक मनोनीत सदस्य होने के कारण यह सम्मान दिया गया है

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

8 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

8 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

8 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

8 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

8 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

8 months ago