“नमस्ते, प्रिय अरुण जेटली जी, हम पर मानहानि फाइल कर रहे हो ना? कृपया करो ना”।
भाजपा के पूर्व नेता कीर्ति आज़ाद का यही वो ट्वीट था जिसके बाद वो बीजेपी की आंख में चुभने लगे औऱ यही वो दिन था जिस दिन आजाद की पार्टी से रवानगी की टिकट कट चुकी थी। पार्टी के कद्दावर नेता और केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ दिल्ली जिला क्रिकेट एकेडमी में खुले तौर पर मोर्चा खोलने वाले पूर्व क्रिकेटर और सांसद कीर्ति आजाद ने आखिरकार सोमवार को कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए।
बिहार के दरभंगा से लोकसभा सांसद आजाद बीजेपी से काफी लंबे समय से सस्पेंड चल रहे थे। कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी ने बीजेपी से निकाले हुए कीर्ति को सहारा दिया।
आजाद का कांग्रेस में स्वागत तो जोरों-शोरों से हुआ लेकिन वो कांग्रेस में रहते हुए अपना तल्ख अंदाज कितना बरकरार रख पाते हैं इसके बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। लेकिन बिहार के पूर्णिया में जन्मे क्रिकेटर आजाद का बीजेपी से होते हुए कांग्रेस तक का सफर बड़ा ही रोचक रहा है। हमेशा अपनी बयानबाजी या हरकतों से आजाद मीडिया के चहेते रहे हैं। आज हम उनकी जिंदगी के कुछ खास पहलूओं का जिक्र यहां कर रहे हैं।
उत्तर पूर्वी बिहार के सीमावर्ती जिले पूर्णिया में जन्मे, क्रिकेटर से नेता बने कीर्तिवर्धन भागवत झा आजाद को राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और उनके पिता भागवत झा आज़ाद से राजनीति विरासत में मिली। एक संपन्न परिवार में जन्मे आजाद ने मॉडर्न स्कूल में पढ़ाई पूरी की जिसके बाद दिल्ली के सेंट स्टीफन कॉलेज से हिस्ट्री में ग्रेजुएशन किया।
एक अच्छे ऑलराउंडर के रूप में जाने जाने वाले, दाएं हाथ के बल्लेबाज और ऑफ स्पिन बॉलर आजाद ने रणजी ट्रॉफी मैचों में दिल्ली का नेतृत्व किया वहीं 1983 में वो भारतीय टीम का हिस्सा थे जिसने पहली बार विश्व कप उठाया था।
अपने क्रिकेट कॅरियर में आजाद ने 7 टेस्ट और 25 वनडे मैच खेले।
क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद, उन्होंने राजनीति की ओर रुख किया। बिहार में दरभंगा लोकसभा क्षेत्र से वो तीन बार चुनाव जीते। वे 1993-98 के दौरान दिल्ली में विधान सभा (एमएलए) के सदस्य भी रहे। अपने राजनीतिक कॅरियर में वो दो वजहों से ही जाने गए, एक कि वो लोकसभा की कार्यवाही में रोज हाजिरी लगाते थे दूसरा उनकी विवादास्पद टिप्पणियां जिसमें वो क्रिकेट से लेकर राजनीति गलियारों में हर किसी को लपेटते थे।
अरूण जेटली पर लगाए थे भ्रष्टाचार के संगीन आरोप
आजाद ने दिल्ली जिला क्रिकेट एकेडमी (डीडीसीए) में कथित भ्रष्टाचार को लेकर बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के खिलाफ खुल कर मोर्चा खोला था जिसके बाद वो रातोंरात मीडिया में छा गए थे। जेटली पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (AAP) द्वारा शुरू किए गए हमले के बाद, आजाद ने जेटली के कार्यकाल में DDCA में भ्रष्टाचार की घटनाओं को एक्सपोज करने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की चेतावनी के बावजूद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसके बाद उन्हें बीजेपी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया था।
यह पहली बार नहीं था जब आजाद ने डीडीसीए में भ्रष्टाचार की ओर इशारा किया था। 2013 में भी, पूर्व क्रिकेटर बिशन सिंह बेदी के साथ आजाद ने “दिल्ली के क्रिकेट को बर्बाद करने” और DDCA को संभालने वाले जेटली के इस्तीफे की मांग की थी।
हालांकि, भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के खिलाफ उनका विद्रोह केवल क्रिकेट तक ही सीमित नहीं रहा। आईपीएल के पूर्व चैयरमेन ललित मोदी विवाद के दौरान, आज़ाद ने ट्वीट किया कि पार्टी के भीतर ही के किसी आदमी ने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की मोदी परिवार के साथ मिलीभगत की जानकारी लीक कर दी थी, हालांकि उन्होंने यहां किसी का नाम नहीं लिया था।
आईपीएल को लेकर भी बोले
2012 में आईपीएल खिलाड़ियों की मैच फिक्सिंग को लेकर एक स्टिंग ऑपरेशन हुआ जिसके सामने आने के बाद कीर्ति आजाद ने उस पर भी कई सवाल उठाए। यहां तक कि आजाद ने कई बार आईपीएल को बैन करने की मांग भी की।
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