LJP: Chirag Paswan reached High Court against decision to recognize his Uncle Paras as LOP in the House.
लोक जनशक्ति पार्टी यानि लोजपा के फाउंडर रामविलास पासवान के बेटे और पार्टी के एक धड़े के नेता चिराग पासवान अपने चाचा को मोदी कैबिनेट में मंत्री बनाये जाने से नाराज होकर हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। दरअसल, चिराग ने अपने चाचा पशुपति कुमार पारस को सदन में पार्टी के नेता (एलओपी) के रूप में मान्यता देने संबंधी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के फैसले को चुनौती देते हुए दिल्ली हाईकोर्ट का रूख किया। चिराग पासवान ने ट्वीट किया कि उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष के प्रारंभिक फैसले, जिसमें पार्टी से निष्कासित सांसद पशुपति पारस जी को लोजपा का नेता सदन माना था, के फैसले के खिलाफ दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है।
अधिवक्ता अरविंद बाजपेयी ने कहा कि उन्होंने चिराग पासवान और लोक जनशक्ति पार्टी की ओर से अध्यक्ष के फैसले को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की है। अधिवक्ता ने कहा कि निर्णय की समीक्षा अध्यक्ष के पास लंबित है और स्मरण कराये जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वकील ने कहा कि याचिका अभी जांच के दायरे में है। चिराग पासवान की ओर से याचिका में लोकसभा में जन लोकशक्ति पार्टी के नेता के रूप में पारस का नाम दिखाने वाले अध्यक्ष के 14 जून के परिपत्र को रद्द करने का अनुरोध किया गया है।
याचिका में यह निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है कि चिराग का नाम सदन में पार्टी के नेता के रूप में दिखाते हुए एक शुद्धिपत्र जारी किया जाए। इसमें कहा गया है कि लोकसभा में नेता का परिवर्तन पार्टी विशेष का विशेषाधिकार है और वर्तमान मामले में, संविधान के अनुच्छेद 26 के तहत याचिकाकर्ता संख्या 2 (पार्टी) को यह अधिकार प्राप्त होता है कि केंद्रीय संसदीय बोर्ड यह तय करेगा कि सदन या विधानसभा में नेता, मुख्य सचेतक आदि कौन होगा।
आपको बता दें कि बुधवार की शाम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट के विस्तार में मंत्री के रूप में शपथ लेने वाले पशुपति कुमार पारस ने अपने राजनीतिक जीवन का अधिकतर समय बड़े भाई दिवंगत रामविलास पासवान की छत्रछाया में बिताया था। पारस पूर्व में लोजपा की बिहार इकाई का नेतृत्व किया करते थे और वर्तमान में इसके अलग हुए गुट के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। पारस ने वर्ष 1978 में अपने पैतृक जिले खगड़िया की अलौली विधानसभा से जनता पार्टी के विधायक के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया था। इस सीट का प्रतिनिधित्व पहले रामविलास पासवान किया करते थे।
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