भारतीय वायुसेना के बेड़ में एक ओर लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स शामिल होने के लिए आ भारत आ चुका है जिससे सेना की ताकत में ओर बढ़ोतरी होगी। अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी बोइंग ने रविवार को भारतीय वायुसेना के लिए पहले 4 सीएच-47एफ (आई) मल्टीमिशन हेलिकॉप्टर के गुजरात के मुंद्रा बंदरगाह पहुंचने की घोषणा की है। बोइंग की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि सीएच-47 एफ (आई) चिनूक को चंडीगढ़ भेजा जाएगा, जहां इन्हें औपचारिक रूप से इस साल के अंत में भारतीय वायुसेना में शामिल किया जाएगा।
भारतीय नजरिये से देखें तो सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण की दृष्टि से सीएच-47 एफ (आई) चिनूक एक उन्नत मल्टीमिशन हेलिकॉप्टर है। इसकी मदद से सीमावर्ती इलाकों में सड़क निर्माण सामग्री आसानी से पहुंचायी जा सकती है। जो भारतीय सशस्त्र बलों को लड़ाकू और मानवीय मिशनों के पूरे स्पेक्ट्रम में बेजोड़ सामरिक एयरलिफ्ट क्षमता प्रदान करेगा।’
भारत ने अमेरिका की एयरोस्पेस कम्पनी बोईंग के साथ सितंबर 2015 में 15 चिनूक हेलिकॉप्टर्स खरीदने के लिए करार किया गया था। अगस्त 2017 में रक्षा मंत्रालय ने बड़ा फैसला लेते हुए भारतीय सेना के लिए अमेरिकी कंपनी बोइंग से 4168 करोड़ रुपये की लागत से 22 अपाचे लड़ाकू हेलिकॉप्टर, 15 चिनूक भारी मालवाहक हेलिकॉप्टर अन्य हथियार प्रणाली खरीदने के लिए मंजूरी प्रदान की थी।
डील के मुताबिक, इस साल के अंत तक भारत को सभी अपाचे और चिनूक हेलिकॉप्टर मिल जाएंगे। इससे वायुसेना की ताकत में काफी इजाफा होगा।
भारत अपाचे का इस्तेमाल करने वाला 14वां और चिनूक को इस्तेमाल करने वाला 19वां देश बन गया है।
बोइंग ने 2018 में वायुसेना के पायलटों और फ्लाइट इंजीनियरों को चिनूक हेलिकॉप्टर उड़ाने की ट्रेनिंग भी दी थी।
‘चिनूक’ की खास बातें –
चिनूक हेलिकॉप्टर अपनी भारी वहन क्षमता के लिए जाना जाता है। यह एक मल्टीमिशन श्रेणी का हेलिकॉप्टर है।
भारत ने जिस चिनूक को खरीदा है, उसका नाम है CH-47 एफ है। इसकी वजन उठाने की क्षमता 9.6 टन तक है, जिसमें दो इंजन और टैंडेम रोटर वाले ‘चिनूक’ हेलीकॉप्टर सैनिकों, विस्फोटक सामग्री, हथियार और ईंधन लाने ले जाने में सक्षम हैं ये हेलीकॉप्टर न केवल दिन में बल्कि रात में भी सैन्य अभियान चला सकते हैं।
अपाचे दुनिया के सबसे अच्छे लड़ाकू हेलिकॉप्टर्स में माने जाते हैं। वहीं, चिनूक हेलिकॉप्टर अधिक ऊंचाई तक उड़ान भरने में सक्षम है।
यह अमेरिका की सेना का खास हेलिकॉप्टर है। अमेरिकी सेना लंबे समय से अपाचे और चिनूक का इस्तेमाल कर रही है। चिनूक भारी-भरकम सामान को भी अधिक ऊंचाई पर आसानी से पहुंचा सकता है।
चिनूक हेलिकॉप्टर की मदद से अमेरिकी कमांडो ने पाकिस्तान में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मारा था। वियतनाम से लेकर इराक के युद्धों तक शामिल चिनूक दो रोटर वाला हैवीलिफ्ट हेलिकॉप्टर है।
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