एक ऐसे शक्तिशाली नेता जिन्होंने भारत को एक संप्रभु, समाजवादी, धर्मनिरपेक्ष गणराज्य का रूप दिया, जिसके व्यक्तित्व के कई आयाम थे। 50 के दशक में, वह देश के स्वतंत्रता सेनानी थे, जो आगे चलकर प्रधानमंत्री बने, लेकिन भारत के बच्चों से स्नेह ने उन्हें चाचा बना दिया।
जी हां, हम बात कर रहे हैं पंडित जवाहर लाल नेहरू की, जिनका नाम सामने आते ही हम उनको अपनी परिभाषा में गढ़ते हैं। लेकिन उनके कई अंदाज में बच्चों से उनका प्यार बड़ा ही निराला था। इसलिए आज हम सालों से उनके जन्मदिन को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। आज बाल दिवस के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं चाचा नेहरू के बारे में 10 ऐसी मजेदार बातें जो आपको शायद ही पता होंगी।
- जवाहरलाल नेहरू ने 15 साल की उम्र तक घर पर ही पढ़ाई की। घर पर ही उनको अधिकांश प्राथमिक शिक्षा प्राप्त हुई।
- ऐसा कहा जाता है कि एक ट्रेन यात्रा के दौरान, उन्होंने जलियांवाला बाग नरसंहार के बारे में जनरल डायर की बातें सुनी थी। ब्रिटिश अधिकारी की इस नफरत भरी बात सुनने के बाद ही उन्होंने भारत को आजाद कराने और लड़ने का वचन लिया था।
- स्वतंत्रता के लिए संघर्ष के दौरान, पंडित नेहरू को 9 बार कैद किया गया था। वह 325 दिनों के लिए जेल में रहे। ब्रिटिश जेल में उन्होंने अपने जीवन के 9 साल बिताए।
- हालांकि भारतीय संविधान को डॉ. बी.आर. आम्बेडकर द्वारा बनाया गया था लेकिन यह जवाहरलाल नेहरू ही थे जिन्होंने संविधान में अनुच्छेद 44 पेश किया जो कि सिविल कोड का आधार था। जिसके बाद ही भारत को ‘धर्मनिरपेक्ष राज्य’ कहा जाने लगा।
- क्या आप जानते हैं कि पंडित जी की हत्या करने के 4 बार प्रयास हुए थे। नेहरू को मारने की पहली साजिश भारत के विभाजन के दौरान हुई थी। आजादी के बाद, उन्हें वर्ष 1955 में, फिर 1956 में और अंत में 1961 में मारने के असफल प्रयास हुए।
- वर्ष 1950 से 1955 के बीच, उनका नाम नोबेल शांति पुरस्कार में 11 बार नामांकित हुआ। इनमें से अधिकतर नामांकन भारतीय उपमहाद्वीप में शांति बनाए रखने और बनाए रखने की दिशा में उनके प्रयासों के लिए थे।
- नेहरू ने अंग्रेजी शिक्षा हासिल करने के बावजूद स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान विदेशी वस्त्र छोड़ दिए थे। इस दौरान उन्होंने शेरवानियों, लंबे कुर्ते जैसे भारतीय वस्त्रों का सहारा लिया। इसकेबाद बाद नेहरू टोपी और नेहरू जैकेट के रूप में आज भी वो जाने जाते हैं।
- पंडित नेहरू के निधन के बाद, उनके अंतिम संस्कार में पूरे देश के 1.5 मिलियन से अधिक लोग पहुंचे। महात्मा गांधी के बाद किसी के अंतिम संस्कार में उपस्थित होने वाली यह दूसरी सबसे बड़ी सभा थी।
- नेहरू वकालत करने के बाद ज्यादा दिन प्रक्टिस नहीं कर सकें क्योंकि वो महात्मा गांधी से काफी प्रभावित हुए और फिर उनके अभियान से जुड़ गए।
- पंडित जवाहर लाल नेहरू का दिमाग शुरू से ही तेज माना जाता था, वो बहुत ही कम उम्र में देश और राजनीति की बातों को समझने लग गए थे।
बाल दिवस की शुभकामनाएं..
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