central government will take a loan of 4.88 lac crore.
कोरोना वायरस के लगातार बढ़ते प्रकोप से देश और दुनिया की अर्थव्यवस्था बिगड़ने लगी है। इसी बीच भारत सरकार अगले छह माह में 4.88 लाख करोड़ का कर्ज लेने की तैयारी कर रही है। आर्थिक मामलों के सचिव अतनु चक्रवर्ती ने इसकी जानकारी दी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 के लिए बजट में बाजार से 7.8 लाख करोड़ रुपए का उधार लिए जाने का अनुमान लगाया है। इसका मतलब यह है कि इस रकम का एक करीब 60 फीसदी हिस्सा शुरुआती 6 महीनों में लिया जा सकता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2020-21 का आम बजट पेश करते हुए कहा था कि नए वित्त वर्ष में बाजार से उठाई जाने वाली राशि का एक बड़ा हिस्सा पूंजी व्यय में खर्च होने का अनुमान है। केन्द्र सरकार ने पूंजी खर्च में 21 प्रतिशत की वृद्धि का प्रावधान किया है। आपकी जानकारी के लिए बता दें, केन्द्र सरकार अपने राजकोषीय घाटे को पूरा करने के लिए बाजार से धन जुटाती है। इसके लिए मियादी बांड और ट्रेजरी बिल जारी किए जाते हैं। वर्ष 2020-21 के बजट में केन्द्र सरकार का राजकोषीय घाटा 7.96 लाख करोड़ रुपए रहने का अनुमान लगाया गया है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.5 प्रतिशत होगा।
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कोरोना वायरस महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को काफ़ी नुकसान उठाना पड़ सकता है। हाल ही में एक रिपोर्ट में दावा किया गया कि देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की वजह से अर्थव्यवस्था को 120 अरब डॉलर यानी करीब नौ लाख करोड़ रुपए का भारी नुकसान हो सकता है। यह नुकसान भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के चार फीसदी के बराबर होगा।
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