Central Govt will start the process to build Ram temple trust in Ayodhya soon.
134 साल पुराने अयोध्या राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने हाल में अपना फैसला सुना दिया। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 न्यायाधीशों की पीठ ने रामलला के पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट बनाया जाए और केन्द्र सरकार इसकी 3 महीने में योजना तैयार करें। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के मुताबिक, अब केंद्र सरकार ट्रस्ट बनाने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू करेगी। यह ट्रस्ट ही राम मंदिर का निर्माण और संचालन का काम करेगा। जानकारी के अनुसार, गृह मंत्रालय समेत कई दूसरे विभागों के अधिकारी ट्रस्ट गठन और मंदिर निर्माण के लिए शुरुआती तकनीकी बिंदु तैयार करने में जुटे हुए हैं।
केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट के गठन का ड्राफ्ट तैयार होने के बाद इस मामले पर सभी संबंधित पक्षों की बैठक बुलाई जाएगी। इस बैठक में मंदिर निर्माण, ट्रस्ट और अन्य विषयों पर बात होगी। इस पूरी प्रक्रिया में गृह मंत्रालय अहम भूमिका निभाएगा। एक बार ट्रस्ट का गठन करने और उसके सदस्यों के नाम तय किए जाने के बाद अयोध्या राम जन्मभूमि का भीतरी और बाहरी आंगन ट्रस्ट को सौंप दिया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रस्ट का गठन और मंदिर निर्माण की योजना के लिए केंद्र सरकार को 3 महीने का समय दिया है। केंद्र को निर्धारित समय सीमा में ही इसे पूरा करना है। केंद्र सरकार ट्रस्ट के प्रारूप को अंतिम रूप देने से पहले कानून के जानकारों से भी सलाह लेगी। हाल में उच्चतम न्यायालय ने अपने ऐतिहासिक फैसले में कहा था कि केंद्र सरकार निश्चित क्षेत्र का अधिग्रहण करने के लिए अयोध्या एक्ट 1993 के तहत सेक्शन 6 और 7 में मिली शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए 3 महीने में ट्रस्ट के गठन और मंदिर निर्माण की योजना बनाए। इसके बाद केंद्र सरकार ने इसको लेकर काम शुरु कर दिया है।
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जानकारी के लिए बता दें कि देश की सर्वोच्च अदालत ने 9 नवम्बर, 2019 को अपने फैसले में अयोध्या में राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवादित ज़मीन को रामलला पक्ष को सौंपने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबोडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की संविधान पीठ ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि विवादित स्थान पर मंदिर बनाया जाए। वहीं, बाबरी मस्जिद पक्ष यानि सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में ही कहीं मस्जिद बनाने के लिए 5 एकड़ ज़मीन देने के निर्देश केंद्र/ राज्य सरकार को दिए थे।
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