केंद्र सरकार ने डिजिटल मीडिया को रेगुलेट करने की दिशा में अपना पहला कदम उठा लिया है। दरअसल, केंद्र ने उन कंपनियों जिनमें विदेशी निवेश (एफडीआई) 26 प्रतिशत से ज्यादा है, उन्हें कम करके 26 फीसदी करने का आदेश दिया है। हालांकि, केंद्र सरकार ने इसके लिए कंपनियों को अगले साल अक्टूबर तक यानि करीब एक साल का समय दिया है। ऐसी मीडिया कंपनियां जिनमें विदेशी निवेश 26 फीसदी से ज्यादा है, उन्हें एक साल के भीतर इस निवेश को सरकार द्वारा तय निवेश के दायरे में करना होगा।
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर सोमवार को जारी किए गए आदेश के मुताबिक, डिजिटल मीडिया कंपनियां जो समाचार और करेंट अफेयर्स के सेगमेंट में शामिल हैं, उन्हें भारत के विदेशी फंडिंग के नियमों का पालन करना होगा। इस आदेश के अनुसार, जिन मीडिया कंपनियों में एफडीआई की 26 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सेदारी होगी, उन्हें इसे कम करना होगा। जिन कंपनियों में 26 प्रतिशत से कम विदेशी हिस्सेदारी है, उन्हें इससे संबंधित पूरी जानकारी मंत्रालय को एक महीने के अंदर देनी होगी।
मंत्रालय के आदेश के मुताबिक, इसमें शेयर होल्डिंग से संबंधित पूरी जानकारी होनी चाहिए। इसके साथ ही संस्थान का स्थायी खाता संख्या, ऑडिट रिपोर्ट के साथ नवीनतम प्रॉफिट एंड लॉस बैलेंस शीट की भी सूचना मंत्रालय को देनी होगी। इस तरह की कंपनियों को उनके डायरेक्टर्स, प्रमोटर्स और शेयर धारकों की पूरी जानकारी सरकार को देनी होगी।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सचिव अमरेंद्र सिंह द्वारा जारी आदेश में कहा गया कि वो कंपनियां जिनका फिलहाल इक्विटी का स्ट्रक्चर है और विदेशी निवेश 26 प्रतिशत से ज्यादा है, उन्हें भी इसी तरह का जानकारी देनी होगी। उन कंपनियों को एक महीने के भीतर ही यह बताना होगा कि वे कैसे और किस तरह से विदेशी हिस्सेदारी को कम करेंगी। साथ ही उन्हें हिस्सेदारी कम करने के लिए मंत्रालय से मंजूरी भी लेनी होगी।
डिजिटल मीडिया क्षेत्र की वे कंपनिया जो नया विदेशी निवेश लाना चाहती हैं, उन्हें भी केंद्र सरकार से मंजूरी लेनी होगी। यह मंजूरी फॉरेन इन्वेस्टमेंट फेसिलिटेशन पोर्टल से लेनी होगी। यह पोर्टल डीपीआईआईटी के रूप में है। वहीं इन कंपनियों को विदेशी कर्मियों की तैनाती से पहले मंत्रालय की स्वीकृति लेनी होगी, इसके बाद विदेशी कर्मियों की तैनाती की जाएगी।
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आपको जानकारी के लिए बता दें कि पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने डिजिटल मीडिया के जरिए अपलोडिंग या खबरों के प्रसारण या करेंट अफेयर्स से जुड़ी कंपनियों में विदेशी निवेश को घटाने की जरूरत बताई थी। उसके एक साल बाद अब सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने यह नया आदेश जारी किया है।
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