केंद्र सरकार ऐसे भारतीय उत्पादों की लिस्ट बना रही है जिनसे वह चीन को टक्कर दे सकती है। ऐसे उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने में सरकार व्यापारियों की मदद करेगी। शुक्रवार को चेंबर आफ ट्रेड इंडस्ट्री (सीटीआई) और डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) के बीच हुई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान डीपीआईआईटी के संयुक्त सचिव रविंद्र सिंह ने दिल्ली के व्यापारियों को भरोसा दिलाया। इसमें करीब 100 व्यापारिक और औद्योगिक संगठनों ने हिस्सा लिया था।
बैठक के बाद सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि व्यापारियों ने बाजार पर चीनी उत्पादों के कब्जे को लेकर अपनी चिंता जाहिर की। इस पर रविंद्र सिंह ने कहा कि उत्पादों का रेट और क्वालिटी प्रमुख मुद्दा है, जिस पर हमें चीनी उत्पादों से प्रतिस्पर्धा करनी है। सरकार ने 20 प्रतिशत माल घरेलू लघु व सूक्ष्म उद्योगों से खरीदने का निर्णय लिया है। इसके अलावा सरकार उद्यमियों को इंसेंटिव देने पर विचार कर रही है। नए इंडस्ट्री क्लस्टर बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा, जिसमें आसानी से पानी और बिजली का कनेक्शन मिल जाएगा।
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सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल के मुताबिक, सरकार मानती है कि अचानक चीनी सामानों का आयात बंद करना अव्यवहारिक है। इसलिए सरकार दीर्घकालिक योजना पर काम कर रही है। डीपीआईआईटी ने भरोसा दिलाया है कि सरकार चीनी उत्पादों को टक्कर दे सकने वाले भारतीय उत्पादों की पहचान कर रही है, जिन्हें बढ़ावा दिया जाएगा। बैठक में मोबाइल, कंप्यूटर, खिलौने, कॉस्मेटिक, फुटवियर, इलेक्ट्रॉनिक और मार्बल उद्योग से जुड़े व्यवसायियों ने भी अपने सुझाव रविंद्र सिंह के सामने रखे।
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