भारतीय आयुर्वेद में हर प्रकार की बीमारियों को जड़ से खत्म करने के नुस्खे मौजूद हैं। प्रकृति में मौजूद कई औषधियों के इस्तेमाल से कई असाध्य रोगों को भी इलाज सफलता पूर्वक किया जाता है। अगर किसी व्यक्ति की याददाश्त कमजोर है तो उसके लिए ब्राह्मी नामक औषधि काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। ब्राह्मी को ‘ब्रेन बूस्टर’ के नाम से भी जाना जाता है।
इसके इस्तेमाल से बुद्धि बढ़ती है जिससे याददाश्त को मजबूती मिलती है, साथ ही यह औषधि पित्तनाशक, ठंडक देने के साथ शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है। कफ को दूर करने के अलावा यह रक्त को साफ करने में काफी उपयोगी है। मानसिक रोगों में ब्राह्मी के पत्तों का चूर्ण लाभदायक होता है। हृदय की दुर्बलता में इसका प्रयोग अतिउत्तम है।
ब्राह्मी गीली मिट्टी में अपने आप उग आती है। असली ब्राह्मी की पहचान है कि इसकी एक टहनी में कई सारे पत्ते होते हैं। इसमें छोटे-छोटे पर्पल या फिर सफेद फूल भी आते हैं, जिसमें अधिक से अधिक पांच पंखुड़ियां होती हैं। फूलों सहित यह पौधा गुणकारी औषधि के रूप में इस्तेमाल में लाया जाता है। आयुर्वेद में ब्राह्मी शरबत, अवलेह और चूर्ण आदि कई रूपों में उपयोग किया जाता है।
ब्राह्मी के सेवन से कोर्टिसोल के स्तर को कम करने में मदद मिलती है, जो कि एक स्ट्रेस हार्मोन है। इसके सेवन से तनाव और चिंता को कम करने किया जाता है। यह तनाव के प्रभावों को खत्म करने का काम करता है।
इसके इस्तेमाल से अल्जाइमर्स के रोगियों को काफी फायदा होता है। क्योंकि इसमें एमिलॉइड यौगिक के पाए जाते हैं जो अल्जाइमर्स में काफी फायदेमंद होता है। इसके अलावा यह अल्जाइमर की वजह से दिमाग को होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करता है।
यदि आपके बाल बहुत झड़ते हैं तो ब्राम्ही के तेल के इस्तेमाल से इन पर काबू पाया जा सकता है। इस तेल को सिर पर लगाने से यह बालों की जड़ों को मजबूत करता है। इस तेल से सिर की मालिश करने से रूसी, सिर की खुजली और बालों के उलझने को रोकने के लिए फायदेमंद होता है।
ब्राह्मी में भरपूर मात्रा में एंटी ऑक्सीडेंट पाया जाता है। यह तत्व सेहत के लिए काफी जरूरी होता है। यह शरीर के उन हानिकारक तत्वों को जड़ से खत्म करने में मदद करता है जो कैंसर कोशिकाओं को बढ़ने में मदद करते हैं।
इसके नियमित सेवन से पाचन संबंधी दिक्कतें भी दूर होती हैं, जिससे पाचन तंत्र दुरुस्त रहता है। ब्राह्मी आर्थराइटिस से निजात दिलाने में बेहद मददगार है। इसके साथ-साथ यह गैस्ट्रिक अल्सर और बॉउल सिंड्रोम से भी बचाव करने में हमारी मदद करता है।
इसके सेवन से सौंदर्य समस्याओं में फायदा मिलता है। इसमें मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट्स शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने का काम करते हैं।
ब्राम्ही के सेवन से श्वसन संबंधी बीमारियों में फायदा मिलता है। इसके इस्तेमाल से ब्रोंकाइटिस, छाती की सर्दी, नाड़ी अवरोध के लिए आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है।
शरीर में ब्लड शुगर लेवल को सही तरीके से रेगुलेट करने में भी ब्राह्मी अहम योगदान देता है। इसके साथ ही साथ यह हाइपोग्लिसीमिया के लक्षणों से भी आराम दिलाने में सहायक है।
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