गरम मसाला

फिल्मी दुनिया के लोगों में एक समय बहुत प्रसिद्ध हुआ करती थी आरके स्टूडियो की होली

बॉलीवुड में हर त्योहार को ​अलग अंदाज में मनाया जाता है। त्योहारों के समय बी टाउन स्टार्स भी समय निकालकर हर चीज का मजा लेते हैं। बात अगर होली की हो तो बॉलीवुड में मस्ती का रंग और भी चढ़ जाता है। थोड़ा फ्लैशबैक में जाएं तो बॉलीवुड में आरके स्टूडियो में सेलिब्रेट होने वाली होली बहुत फेमस थी। राज कपूर के जमाने से स्टूडियो में ख़ास तौर पर होली की महफ़िल सजती थी, जिसमें बॉलीवुड के तमाम सितारे मस्ती के रंग में डूबे नज़र आते थे। हालांकि, यह स्टूडियो साल 2019 में गोदरेज प्रोपर्टीज लिमिटेड ने खरीद लिया और अब इस पर शॉपिंग प्लाजा का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे में होली के मौके पर जानते हैं आरके स्टूडियो की ख़ास होली के बारे में रोचक बातें…

रंग-भंग में डूब जाते करते थे सेलिब्रिटी

राज कपूर के पिता पृथ्वीराज कपूर शुरू में अपने थियेटर के लोगों के साथ होली सेलिब्रेट किया करते थे, जिसे बाद में राज कपूर ने फेमस बना दिया। वर्ष 1952 से ही आरके स्टूडियो में जम कर होली खेली जाती थी। एक बड़े टैंक में रंग और दूसरे में भंग तैयार किए जाते थे और हर आने वाले को उन दोनों से सराबोर किया जाता था। बताते हैं कि हर आने वाले का पहला स्वागत रंग भरे टैंक में डुबकी लगवा कर किया जाता।

जब वैजयंती माला को 7 बार टैंक में डुबकी लगवाई

ऐसा बताया जाता है कि एक बार आरके स्टूडियो में अदाकारा वैजयंती माला ने होली खेलने में आनाकानी की, तो उन्हें रंग भरे टैंक में सात बार डुबकियां लगवाई गईं। राज कपूर के स्टूडियों की होली में शामिल होना उस ज़माने का हर छोटा बड़ा सितारा अपनी शान समझता था। सिर्फ़ देव आनंद नहीं आते थे, क्योंकि उन्हें रंगों से परहेज था।

नर्गिस का जिम्मा था कोई भूखा ना जाए

आरके स्टूडियो की ख़ास होली के हुडदंग में कोई भूखा ना चला जाए, इसकी जिम्मेदारी प्रसिद्ध अदाकारा नर्गिस पर हुआ करती थी। उनकी धाक ऐसी रहती कि भांग की मस्ती होने के बाद हर कोई बिना पेट भर खाये आरके स्टूडियो से बाहर नहीं निकलता था। राज कपूर की होली को एक ज़माने में ‘भांग और फूड’ फेस्टिवल भी कहा जाता था। 70 के दशक की शुरुआत में आरके फिल्म्स की फिल्में नहीं चलने के कारण आरके स्टूडियो की होली फ़ीकी हो गई थी, लेकिन फिल्म ‘बॉबी’ के हिट होते ही कपूर्स फ़िर फॉर्म में आ गए।

लेकिन एक बार फ़िर आरके स्टूडियो की होली का रंग तब ​फ़ीका पड़ा गया, जब राज कपूर ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया। उनके निधन के बाद स्टूडियो में ख़ास तरह से होली सेलिब्रेट करने की परंपरा ही लगभग खत्म हो गई। राज कपूर का होली पर्व से विशेष लगाव उनकी फिल्मों में भी झलकता था।

क्यों इतनी ख़ास है बरसाना की लट्ठमार होली जहां महिलाओं से लाठी खाने आते हैं मर्द?

Raj Kumar

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