एक बँगला बने न्यारा
रहे कुम्ब जिस में सारा
सोने का बँगला, चंदन का जँगला
विश्वकर्मा के द्वारे
अति सुन्दर प्यारा प्यारा
एक बँगला …
भले ही आप 40-50 के दशक में रिलीज़ होने वाली फिल्मों से कोई वास्ता रखते हो या नहीं, मगर गुजरे जमाने के एक्टर और सिंगर कुंदनलाल सहगल यानी केएल सहगल का ये एक ऐसा गाना है, जो शायद आप सभी ने सुना होगा। के. एल. सहगल ने अपने सिर्फ 15 साल के फिल्मी कॅरियर में दर्शकों के मन में ऐसी छाप छोड़ी कि आज भी उन्हें याद किया जाता है। वो ही ऐसे पहले कलाकार थे जो अपने दौर के सुपरस्टार कहलाए गए। आज 18 जनवरी को उनकी 75वीं पुण्यतिथि है। ऐसे में इस मौके पर जानिए उनके बारे में कुछ अनसुनी बातें…
केएल सहगल को अपना आदर्श मानने वालों में किशोर कुमार और मुकेश जैसी शख्सियत भी शामिल है। केएल सहगल को बचपन से ही संगीत में रुचि थी और उसके पीछे उनकी मां का अहम रोल था। दरअसल उनकी मां केसरबाई को भी संगीत से लगाव था। ऐसे में उन्होंने अपने बेटे को सूफी पीर सलमान युसूफ से प्रारंभिक शिक्षा दिलवाई। साथ ही सहगल अपने पिता अमरचंद प्रताप सिंह के काम में भी हाथ बंटाते थे।
पैसों के लिए टाइपराइटर-सेल्समैन का भी काम किया
केएल सहगल के पिता जम्मू एंड कश्मीर की कोर्ट ऑफ राजा में काम करते थे। बाद में पैसों की जरूरत को पूरा करने के लिए उन्होंने टाइपराइटर-सेल्समैन का काम भी किया। 13 साल की उम्र में जब सहगल की आवाज में थोड़ा बदलाव आने लगा तो वह काफी डर गए। यहां तक कि कई महीनों के लिए उन्होंने बोलना भी बंद कर दिया था, जिससे परेशान होकर परिवारवालों ने संत को दिखाया। उन्होंने सहगल को रियाज करने की सलाह दी।
सहगल के दोस्त मेहरचंद जैन ने गाने में कॅरियर बनाने के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया था। संगीतकार रायचंद बोरल ही वो शख्स थे, जिन्होंने उनकी प्रतिभा को पहचाना और कई मौके दिए। रायचंद बोरल ने सहगल को फिल्म स्टूडियो न्यू थियेटर में कॉन्ट्रैक्ट भी दिलाया था। फिल्मों में गाने के लिए उन्हें हर महीने 200 रुपये मिलते थे। शुरुआती दौर में देव गांधार राग में उनका गाना ‘झुलाना झुलाओं’ काफी हिट हुआ था।
फिल्मी कॅरियर में 200 से भी ज्यादा गाने गाए
केएल सहगल ने ‘जब दिल ही टूट गया’, ‘तड़पत बीती दिन रैन’, ‘गमती ए मुस्तकिल’ जैसे गाने गाये और इन गानों ने उन्हें ऊंचाईयों तक पहुंचाया। उन्होंने अपने छोटे से फिल्मी कॅरियर में 200 से भी ज्यादा गाने गाए। सहगल ने एक्टिंग में भी हाथ आजमाया। केएल सहगल ने फिल्म मोहब्बत के आंसू से एक्टिंग में डेब्यू किया था। इसके बाद उन्होंने ‘सुबह के सितारे’, ‘यहूदी की लड़की’, ‘जिंदा लाश’ और ‘देवदास’ जैसी कई फिल्मों में काम किया।
देवदास में उनके निभाए किरदार ने उन्हें सफलता के शिखर पर पहुंचा दिया, लेकिन उन्हें शराब की बुरी लत लग गई। चर्चा तो ये भी थी कि उसके बाद केएल सहगल शराब पीने के बाद ही अपने हर गाने की रिकॉर्डिंग करने लगे थे। इस लत के चलते धीरे-धीरे उनकी सेहत दिनों दिन बिगड़ती चली गई। ज्यादा शराब पीने की वजह से महज 42 साल की उम्र में 18 जनवरी, 1947 को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।
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