संसद में जो कल देखने को मिला वो कतई सही नहीं था। यह सिर्फ संसद की अस्मिता पर चोट नहीं थी, सिर्फ उसके नैतिकता के खिलाफ नहीं थी। विपक्ष के नेता जब 17वीं लोकसभा के लिए संसद में शपथ ले रहे थे और भारतीय जनता पार्टी के सांसदों का जो रवैया उस दौरान रहा वो एक तरह से खुली धमकी थी।
सत्ता पक्ष के सांसदों द्वारा विपक्ष के नेताओं पर जो ताने मारे गाए उससे कई चीजें साफ हो जाती हैं। बीजेपी के सांसदों के इस हरकत से वे दिखा रहे हैं कि जो विपक्ष के नेता उनकी विचारधारा से सहमत नहीं वे सिर्फ उनके राजनैतिक विरोधी नहीं बल्कि दुश्मन हैं।
संसद में क्या हुआ-
मंगलवार का दिन था और संसद में चुने गए सांसद 17वीं लोकसभा के लिए शपथ ले रहे थे। तभी शपथ लेने की बारी आती है ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के असदुद्दीन ओवैसी की। वे चलकर माइक तक पहुंच ही रहे होते हैं कि बीजेपी के सभी नेता जोर जोर से संसद में “जय श्री राम, वन्दे मातरम और भारत माता की जय” के नारे लगाने लगे।
देश के मुसलमानों का ये तर्क रहा है और वे यह समझाते आए हैं कि क्यों उन्हें देश के प्रति अपनी वफादारी साबित करने के लिए उन्हें देश को किसी देवता की तरह पूजने की जरूरत नहीं है। ऐसे में एक मुस्लिम नेता के लिए संसद में ऐसे नारे लगाना साबित करता है कि बीजेपी नेता असदुद्दीन ओवैसी को भड़काने की कोशिश कर रहे थे।
स्पीकर वीरेन्द्र कुमार नारों को नहीं रोक पाए। औवेसी ने माहौल में सहजता से काम लिया। अपनी शपथ पूरी करने के बाद उन्होंने संविधान निर्माता के लिए कहा “ जय भीम” और फिर कहा अल्लाहु अकबर जिसका मतलब होता है भगवान महान है।
ओवैसी अकेले ऐसे सांसद नहीं थे जिन पर बीजेपी द्वारा नारेबाजी की गई। समाजवादी पार्टी के शफीकुर्रहमान बर्क ने जय श्रीराम के नारों के बीच शपथ लेने के बाद “संविधान जिंदाबाद” कहकर अपनी बात खत्म की। उनकी पार्टी के सहयोगी एसटी हसन ने हिंदुस्तान जिंदाबाद कहा।
संसद में बीजेपी नेता मुस्लिम सांसदों तक ही नहीं रूके। पश्चिम बंगाल से तृणमूल कांग्रेस के लगभग हर सदस्य को नारों का सामना करना पड़ा। तमिलनाडु के कुछ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के सदस्यों के नाम आने पर भी नारेबाजी की गई। सोनिया गांधी के विदेशी मूल को लेकर बीजेपी हमेशा से ही तल्ख रही है। जब पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने हिन्दी में शपथ ली तो बीजेपी द्वारा उनका धन्यवाद किया गया।
यह बुरा व्यवहार हमें भाजपा के बारे में क्या बताता है? ऐसा लगता है कि भाजपा फिलहाल संसद में अपने बहुमत के नशे में चूर है। 545 लोकसभा सीटों में से 303 पर जीत दर्ज करके बीजेपी सांसद मानने लगे हैं कि संसदीय नियम अब उन पर लागू ही नहीं होते।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इससे पहले कहा था कि संख्या महत्व नहीं रखती है संसद को अच्छे और सुचारू रूप से चलाने के लिए हमें विपक्ष का सहयोग चाहिए। लेकिन बीजेपी सांसदों ने संसद में मंगलवार को जो किया वो प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विचारों के खिलाफ ही लगता है।
संसद में यूं नारेबाजी करके संसद और संविधान की धर्मनिरपेक्ष परंपराओं का अपमान हुआ है। इसी के साथ उन हिन्दुओं को सावधान हो जाना चाहिए जो बीजेपी में अपना अटूट विश्वास रखते हैं। राम जैसे पूजनीय देवता का इस्तेमाल बीजेपी खुले तौर पर राजनीतिक हथियार की तरह कर रही है और उनके सांसद उस श्रद्धा का मजाक बना रहे हैं।
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