हलचल

बीजेपी पूरे देश में NRC लागू करना चाहती है जो असंभव और खतरनाक है!

बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद में अपने भाषण में असम के अलावा बाकी भारत में भी नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन को फैलाने का वादा किया। फिलहाल असम तक ही सीमित रहने वाले इस विवादास्पद परियोजना में उन लोगों की लिस्ट बनाई जाती है जो भारत की अपनी नागरिकता साबित कर पाते हैं। अमित शाह ने कहा कि हम इस देश के हर इंच पर रहने वाले सभी अवैध आप्रवासियों और घुसपैठियों की पहचान करेंगे और उन्हें अंतर्राष्ट्रीय कानून के अनुसार निर्वासित कर देंगे।

यह पहली बार नहीं है जब अमित शाह ने NRC के विस्तार का वादा किया है। जहां असम में फिलहाल फाइनल लिस्ट के लिए संघर्ष जारी है वहीं अमित शाह की भारतीय जनता पार्टी ने बाकी हिस्सों में इस योजना को फैलाने के बारे में कई बार भाषण दिए हैं।

चुनाव प्रचार के दौरान अमित शाह ने “अवैध बांग्लादेशी आप्रवासियों” को दीमक बताया था और पूछा कि उन्हें बंगाल की खाड़ी में क्यों नहीं फेंक दिया जाना चाहिए। इसके अलावा भाजपा के घोषणा पत्र में “देश के अन्य हिस्सों में चरणबद्ध तरीके से एनआरसी को लागू करने” का प्रस्ताव दिया गया था। इस वादे का उल्लेख राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के संसदीय सत्र की शुरुआत में भी किया गया था जो सरकार द्वारा लिखा गया।

हालांकि कई लोगों के लिए “बंगलादेशी” शब्द वास्तव में किसी भी बंगाली मुस्लिम के लिए एक स्टैंड-इन बन गया है। भाजपा के नेता अप्रवासियों के दलदल को बढ़ाने पर खुश हैं और उन्होंने अपने राज्यों में एनआरसी प्रक्रिया को पूरा करने का वादा किया है। एनआरसी की मांग या वादे बीजेपी नेताओं द्वारा उत्तर पूर्वी राज्यों, दिल्ली, कर्नाटक से आते रहे हैं।

असंभव वादे

यह सब सनकी और खतरनाक है। असम में NRC सूची तैयार करना एक बेहद संघर्ष वाला काम साबित हुआ है। भले ही यह प्रक्रिया असम में भी सही नहीं कही जा सकती लेकिन उस राज्य के इतिहास में इसको लेकर कुछ कानूनी चीजें मौजूद हैं और उसी को आगे बढ़ाकर NRC का विवाद वहां चल रहा है। लेकिन भले ही आप एक बार के लिए अपने जहन से न्याय और मानवता को हटा भी दें लेकिन फिर भी पूरे भारतीय NRC असंभव है।

भारत में एक बड़ा तबका नागिरकता साबित करने के लिए आवश्यक दस्तावेज नहीं जुटा पाएगा। यह प्रक्रिया मुख्य रूप से अल्पसंख्यकों को टारगेट करेगी जैसा कि भाजपा चाहती है। पूरे भारत में एनआरसी लागू करना कम लाभ के साथ महंगा, दर्दनाक और कुल मिलाकर नोटबंदी जैसा ही कुछ होगा।

सरकार ने अभी तक यह स्पष्ट नहीं किया है कि असम में उन लोगों को कैसे संभाला जाएगा जिन्हें गैर-नागरिक घोषित किया गया है और जिनकी संख्या करोड़ों तक जा सकती है।

पूरे देश में इसको लेकर भाषण देने के बावजूद भाजपा ने अभी तक यह नहीं बताया है कि पूरे भारत के लिए NRC वास्तव में कैसे काम करेगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि यह शुद्ध भाषणबाजी है। उलझनों को दूर करने के लिए सरकार ने संसद में सवालों के जवाब में पहले ही साल में कहा कि NRC को अन्य राज्यों में विस्तारित करने की कोई योजना नहीं है।

यह उन क्लासिक खतरनाक बीजेपी चालाकियों में से एक है जिसमें भाषणबाजी कर भारतीयों को उनकी नागिरकता दस्तावेजों को लेकर डराना शामिल है और यह उस प्रोसेस के बारे में लोगों को सिर्फ बताना चाहती है जो कभी वो लागू करेगी ही नहीं।

अब तक अवैध प्रवासियों पर बहस भाजपा के लिए काम आने वाली एक बयानबाजी बन चुकी है। समय की जरूरत यही है कि असम में इस योजना को मानवीय तरीके से संचालित किया जाए भले ही यह प्रक्रिया वर्तमान में विनाशकारी बाढ़ से बाधित हो रही है।

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

8 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

8 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

8 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

8 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

8 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

8 months ago