ये हुआ था

आज ही के दिन स्थापित हुआ था भारत का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’

1954 में आज ही के दिन सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न शुरू हुआ था। ये सम्मान राष्ट्रीय सेवा के लिए दिया जाता है। सेवाओं में कला, साहित्य, विज्ञान, सार्वजनिक सेवा और खेल शामिल है। इसकी स्थापना तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गई। आइए जानें भारत रत्न के बारे में कुछ बातें।

भारत रत्न क्या है?

भारत रत्न राष्ट्र के हित में किए गए महत्वपूर्ण कार्यों के लिए दिया जाता है। भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है। अब तक विभिन्न क्षेत्रों की 45 हस्तियों को भारत रत्न के सम्मान से नवाजा जा चुका है।

भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 1954 में देश के पहले भारत रत्न के सम्मान से नवाजा गया था।

शुरुआत में भारत रत्न को मरणोपरांत देने का प्रावधान नहीं था लेकिन एक साल बाद 1955 में इसे जोड़ दिया गया था। अब तक 12 हस्तियों को भारत रत्न सम्मान मरणोपरांत (मृत्यु के बाद) प्रदान किया गया। यह भी बता दें कि इस अवार्ड को राष्ट्रपति की सहमति के बिना घोषित नहीं किया जा जाता है।

भारत रत्न इन क्षेत्रों में दिया जाता है

भारत रत्न देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान कला, साहित्य, विज्ञान और सार्वजनिक सेवा के लिया दिया जाता है। लेकिन बाद में खेल को भी इस सम्मान के लिए जोड़ दिया गया था।

भारत रत्न एक वर्ष में कितने लोगों को दिया जाता है

भारत रत्न के सम्मान से एक साल में अधिकतम 3 लोगों को नवाजा जा सकता है। यह संख्या कम तो हो सकती है लेकिन बढ़ नहीं सकती।

भारत रत्न के साथ मिलती हैं ये सुविधाएं

* जिस शख्स को भारत रत्न मिल जाता है तो उस शख्स को जीवनभर इनकम टैक्स भरना नहीं पड़ता है।

* जिस शख्स को भारत रत्न मिल जाता है वह शख्स भारत में सरकारी फ्लाइट में प्रथम श्रेणी की फ्री हवाई यात्रा कर सकता है साथ ही रेलवे में भी प्रथम श्रेणी में मुफ्त यात्रा कर सकता है।

* भारत रत्न से सम्मानिक शख्स को कैबिनेट रैंक के बराबर योग्यता मिलती है। साथ ही उस संसद की बैठक और सत्र में भाग लेने की अनुमित मिल जाती है।

* भारत रत्न से सम्मानिक शख्स को वीवीआईपी के बराबर दर्जा दिया जाता है और जरूरत पड़ने पर जेड ग्रेड की सुरक्षा भी दी जाती है। इसके अलावा उस शख्स को देश के किसी भी राज्य में स्टेट गेस्ट की सुविधा दी जाती है।

* भारत रत्न से सम्मानिक शख्स को विदेश की यात्रा के दौरान भारतीय राजदूत उन्हें हर संभव सुविधा प्रदान कराता है।

कौन बन सकता है भारत रत्न?

भारत रत्न वह शख्स बन सकता है जिसने मानवता के लिए किसी भी क्षेत्र में अभूतपूर्व और अप्रत्याशित सेवा का भाव दिखाया हो।

खुद को दिया भारत रत्न

भारत रत्न के लिए प्रधानमंत्री राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेजते हैं। प. जवाहर लाल नेहरु और इंदिरा गांधी को भारत रत्न पीएम पद पर रहते हुए मिला। इसका मतलब यह हुआ कि प. जवाहर लाल नेहरु और इंदिरा गांधी ने इस अवार्ड के लिए खुद को नामित किया था।

आज ही के दिन भारत रत्न के बाद दूसरे बड़े सम्मान ‘पद्म वि​भूषण’ की भी घोषणा की गई थी। यह देश के लिए असैनिक क्षेत्र में बहुमूल्य योगदान के लिए दिया जाता है। सबसे पहला ‘पद्म वि​भूषण’ शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने वाले पश्चिम बंगाल के सत्येन्द्र नाथ बसु को दिया गया था।

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

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