इंग्लैंड से खेलने वाले दक्षिण अफ्रीका में जन्में बल्लेबाज केविन पीटरसन तो आपको याद ही होंगे। कमाल के क्रिकेटर होने के साथ साथ उनके बालों की स्टाइल पर भी उनके काफी लोग दीवाने थे। जैंटलमैंस की टीम में होकर वो क्रिकेटर कम बागी ज्यादा दिखाई देते थे मगर टीम को इससे कोई लेना देना नहीं था क्योंकि केविन का खेल उनकी स्टाइल से ज्यादा बोलता था। पीटरसन के सिर भी ऐसे ही शोहरत कुछ ज्यादा ही जल्दी चढ़ गई और वो सीधे इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड से ही पंगे लेने लगे। बस फिर क्या था ‘इमेज इज एवरीथिंग, एवरीथिंग इज इमेज’ फिल्म रॉकस्टार में पीयूष मिश्रा का ये डॉयलॉग पीटरसन की जिंदगी के गले पड़ गया और उन्हें घमंडी और बद्तमीज खिलाड़ियों की सूची में डाल दिया गया। इस दौरान पीटरसन फॉर्म से भी काफी जूझे और फॉर्म लौटी भी तो टीम में वापसी के लिए उनके सभी रास्ते बंद कर दिए गए। अंत में उनके बाकि बचे क्रिकेट को आईपीएल जैसी लीगों का ही सहारा मिल पाया।
बहुत अच्छे क्रिकेटर थे केविन पीटरसन हम सब उन्हें बहुत प्यार करते थे और उनसे ज्यादा उनके आक्रामक खेल को पसंद किया जाता था और रहेगा भी। ऐसे ही हमारे सिक्सर किंग युवराज जो एक सच्चे फाइटर की तरह कैंसर से उबर कर फिर से मैदान पर लौटे मगर उससे पहले कुछ समय के लिए युवराज को भी थोड़ा घमंड आ गया था जिसके बाद समय ने उन्हें ऐसी पटखनी दी कि वो टीम में वापस आने के लिए अभी की ही तरह ही संघर्ष करते नजर आए। हालत ऐसी हो गई थी कि उन्हें अपने आप को साबित करने के लिए हर छोटे बड़े घरेलू टूर्नामेंटों में हिस्सा लेना पड़ा।
बात ऐसी है कि क्रिकेट वाक्ई जैंटलमैन गेम है और इसे आपको और के.एल राहुल जैसे शानदार खिलाड़ियों को समझना बहुत जरूरी है। मुझे याद है जब आप टीम इंडिया के लिए खेलने लगे तो आपने एक इंटरव्यू में बताया था कि कैसे आप और आपके भाई ने मैगी खा खाकर प्रैक्टिस की है। आपने बताया था कि आपको मैच खेलने के लिए जो पैसे मिलते थे उससे आपके घर का चूल्हा जलता था अगर इन बातों में जरा भी सच्चाई थी तो हम आपके बारे में ऐसी कल्पना कभी नहीं कर सकते थे कि आप लड़कियों की चाल देखकर उनके कैरेक्टर को जज करते हैं। पांड्या जी इस ग्लैमर वर्ल्ड ने अच्छे अच्छे कलाकारों और खिलाड़ियों को डसा है और आपके सामने तो पूरी जिंदगी पड़ी है। किसी की महानता के साथ खिलवाड़ करने का आपको जरा भी हक नहीं है। सचिन तेंदुलकर क्या थे ये जाकर उनसे पूछिए जो अपनी रफ्तार से ही उनकी जान लेने पर भी आतुर हो जाते थे आप ना तो रफ्तार के सौदागर हैं और ना ही आपने ऐसे गेंदबाजों की लुप्त हो चुकी कौम का कभी सामना किया होगा।
आपने अपने आपको वेस्टइंडीज का बताया इसलिए एक सवाल भी बनता है क्या वेस्टइंडीज में महिलाओं की चाल देखकर उन्हें जज किया जाता है। सर वहां भी इयान बिशप, कर्टनी वॉल्श, शिव चंदपॉल जैसे खिलाड़ी हुए हैं जिनके बारे में यहां बताने की कोई जरूरत नहीं। खैर, आपको तय करना है कि आप खेल पर ध्यान देते हैं या लड़कियों की चाल पर मगर आपके लिए हमारे दिल में जो इज्जत थी वो थोड़ी कम हो चुकी है।
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