जम्मू-कश्मीर अब भारत का स्वतंत्र राज्य नहीं रहा। अब इसे केन्द्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला लिया गया हैं। नरेन्द्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर पर से अनुच्छेद 370 हटाने का संकल्प पेश किया है। मोदी सरकार ने ये ऐतिहासिक फैसला लिया है। सोमवार को गृहमंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल पेश कर दिया। इसके तहत 1954 से जम्मू-कश्मीर में चल रही धारा 370 को खत्म कर दिया जाएगा।
मोदी ब्रिगेड के मंत्री अमित शाह ने अनुच्छेद 370 के खंड 1 के अलावा बाकी सभी खंडों को रदृद करने की सिफारिश की है। राज्यसभा में अमित शाह ने राज्य पुनर्गठन विधेयक को पेश किया है। इसके तहत जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग कर दिया गया है। लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है।अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें।
अमित शाह ने रखा प्रस्ताव तो संसद में बरपा हंगामा
इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को राज्यसभा में संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने का प्रस्ताव पेश किया, उनके प्रस्ताव पेश करते ही सदन में विपक्षी नेता हंगामा करने लगे. इस प्रस्ताव के बाद से ही विपक्ष ने सदन में जमकर हंगामा किया। पीडीपी सांसद ने इस घोषणा के बाद ही कपड़े फाड़कर बैठ गए और हंगामा कर रहे थे।
विपक्षी पार्टी कांग्रेस, टीएमसी और डीएमके के सांसदों ने भी सरकार की इस घोषणा पर खूब हंगामा किया। कांग्रेस के सांसद गुलाम नबी आजाद ने कहा है कि बीजेपी ने संविधान की हत्या की है। गुलाब नबी आजाद ने कहा कि सरकार के इस फैसले की वजह से पूरी घाटी में इस समय कफर्यू लगा हुआ है। कश्मीर में तीन पूर्व मुख्यमंत्री भी इस समय नजरबंद है।
‘हमारे पास इच्छा शक्ति है, हम वोट बैंक की परवाह नहीं करते’
संसद में अमित शाह ने कहा कि कश्मीर में ये गलत धारणा है कि अनुच्छेद-370 की वजह से कश्मीर भारत के साथ है। अमित शाह ने कहा कि कश्मीर भारत के विलय पत्र की वजह से है जिसपर 1947 में हस्ताक्षर किया गया था। गृह मंत्री ने कहा कि वोट बैंक की वजह से विगत दिनों में इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया, लेकिन हमारे पास इच्छा शक्ति है और हम वोट बैंक की परवाह नहीं करते हैं। अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद-370 को हटाने में अब एक सेकेंड की भी देरी नहीं करनी चाहिए। अमित शाह ने कहा कि वे इस मुद्दे पर हर तरह की डिबेट और बहस के लिए तैयार हैं।
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