पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इसी के साथ उन्होंने पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी की घोषणा की। हालांकि, उनकी पार्टी को अभी चुनाव आयोग से अनुमोदन मिलना बाकी है। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने ट्वीट किया कि मैंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दिया है। बता दें कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा कैप्टन अमरिंदर सिंह को मनाने की चर्चाएं भी थी, उन्होंने खुद इन खबरों का खंडन भी किया था। कैप्टन ने कहा था कि कांग्रेस को छोड़ने का फैसला अंतिम है। अब कांग्रेस से इस्तीफा देकर उन्होंने अपना रुख स्पष्ट कर दिया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह की नई पार्टी का नाम पंजाब लोक कांग्रेस होगा। हालांकि, अभी इसका पंजीकरण होना बाकी है। पार्टी का चुनाव चिह्न भी उन्हें बाद में मिलेगा। सोनिया गांधी को भेजे सात पन्नों के पत्र में कैप्टन अमरिंदर ने नवजोत सिंह सिद्धू पर जमकर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा कि मेरे लगातार चेताने के बावजूद और पंजाब के सभी सांसदों की सर्वसम्मति से बनी सलाह के बाद आपने पाकिस्तान प्रेमी एक अनुचर (नवजोत सिंह सिद्धू) को नियुक्त करने का फैसला किया, जिसने सार्वजनिक तौर पर पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और पीएम इमरान खान को गले लगाया था।
अमरिंदर सिंह ने कहा कि सिद्धू को राहुल गांधी व प्रियंका गांधी का संरक्षण प्राप्त था, जबकि आपने आंखें मूंद ली। हरीश रावत ने सिद्धू की सहायता की और उकसाया भी। अमरिंदर ने पत्र में कांग्रेस के साथ अपने लंबे कार्यकाल का जिक्र किया और यह आरोप लगाया है कि उन्हें अब पार्टी में मान-सम्मान नहीं दिया जा रहा था।
आपको जानकारी के लिए बता दें कि पिछले कुछ साल से नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच अनबन थी। लेकिन पिछले कुछ महीनों में यह चरम पर पहुंच गई। चंडीगढ़ में अचानक कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई गई, लेकिन इसकी जानकारी कैप्टन अमरिंदर सिंह को नहीं दी गई थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से फोन पर बातचीत के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मुख्यंत्री पद से अपना इस्तीफा दे दिया था। कैप्टन के इस्तीफे के पीछे हरीश रावत की भूमिका को बेहद अहम माना जा रहा था।
मालूम हो कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की कुछ दिन पहले ही मुलाकात होनी थी, लेकिन किसी कारणवश यह मुलाकात टल गईं। इस मुलाकात के दौरान किसान आंदोलन व कृषि कानूनों पर चर्चा होनी थी। कैप्टन अमरिंदर ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि किसानों की समस्या हल करने के बाद ही भाजपा के साथ गठबंधन पर चर्चा होगी। इसका मतलब है कि भाजपा को अगर पंजाब में कैप्टन का साथ चाहिए तो पहले किसानों के मुद्दों का हर हाल में समाधान निकालना होगा।
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