एक समय था, जब घर पर लैंडलाइन हुआ करता था और गलियों में पीसीओ होते थे, दूर-दराज बैठे किसी से बतियाना एकदम आसान हो गया था। इन सबके पीछे एक ही नाम था भारत संचार निगम लिमिटेड यानि बीएसएनएल। 90 के दशक में पैदा हुई भारत की आबादी ने बीएसएनएल के पैदा होने से लेकर उसके कोमा में पहुंचने तक का दौर देखा है।
जी हां, कोमा में इसलिए कहा क्योंकि भारत के टेलीकॉम ऑपरेटरों में सबसे पहले लिया जाने वाला नाम बीएसएनएल था जिसका सालाना मुनाफा 10,000 करोड़ तक था। आज हम 2019 में है और करीबन अब तो पोस्ट जियो युग भी आ चुका है, ऐसे में तेजी से बढ़ता बीएसएनएल आज गंभीर वित्तीय संकट से जूझ रहा है।
13,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त कर्ज के साथ आज बीएसएनएल की यह हालत है कि जल्द ही वह अपनी दुकानों पर ताले लगा सकता है।
रिलायंस जियो के आने के बाद मार्केट के टेलीकॉम ऑपरेटरों के जैसे बुरे दिन शुरू हो गए लेकिन बीएसएनएल के लिए हर पल बद से बदतर होता चला गया। अपने प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में, बीएसएनएल ग्राहकों को समय और तकनीकी के साथ सर्विस देने में पिछड़ गया। वर्तमान का कड़वा सच यह है कि जहां हर कोई 5G की तैयारी कर रहा है, तो बीएसएनएल देश भर में अपने 4G की टेस्टिंग कर रहा है।
तो बीएसएनएल के साथ क्या गलत हुआ है? इससे क्या होगा? क्या इस बार वह अपना अस्तित्व बचा पाएगा? आइए सारी परतें एक-एक करके खोलते हैं।
बीएसएनएल की सबसे बड़ी समस्या है उसके पास पैसे नहीं है। कंपनी कुछ समय से इस स्थिति में है कि वह अपने कर्मचारियों को महीने की सैलरी तक नहीं दे पा रही है। ऐसे में बीएसएनएल ने पैसों के लिए सरकार का रूख किया तो सरकार ने सहायता के लिए बैंकों को कहा।
सरकार ने जून महीने के लिए बीएसएनएल के सभी कर्मचारियों की सैलरी के लिए बैंकों से 850 करोड़ रुपये का लोन मांगा है। कंपनी को अगले कुछ महीनों तक चालू रखने के लिए 2,500 करोड़ रुपये का लोन भी मांगा गया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2,500 करोड़ रुपये की मदद कंपनी को अगले 6 महीने तक चालू रख सकती है। हालाँकि, लोन अभी तक दिया नहीं गया है और 13,000 करोड़ रुपये का पहले से मौजूद लोन किसी भी बैंक को अब आगे लोन ना देने के लिए मजबूर भी कर सकता है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, खराब सरकारी पॉलिसी और नए इंफ्रास्ट्रक्चर को लाने में देरी के कारण बीएसएनएल पिछले 10 सालों से इसी हालत में है। यहां तक कि दूरसंचार विभाग ने बीएसएनएल को और अधिक लोन लेने के लिए बैंक जाने से मना किया है।
अब यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब अभी कोई नहीं दे सकता है। बीएसएनएल इतने बड़े कर्ज तले दबी है कि कर्ज देने वाले भी यह सोच रहे हैं कि कंपनी कर्ज कैसे चुकाएगी। अगर 2,500 करोड़ रुपये की राहत दी भी जाती है, तो भी कुछ महीने बाद फिर बीएसएनएल मुश्किल हालात में आ सकती है।
वैसे देखा जाए तो अभी तक, कंपनी ठीक से काम कर रही है और यदि आपके पास कनेक्शन है, तो आपको अभी चिंता करने की जरूरत नहीं है। हालांकि, स्थितियां हर रोज बिगड़ रही है, ऐसे में हमारी सलाह यही रहेगी कि आप जल्द ही किसी अन्य टेलीकॉम ऑपरेटर के बारे में सोच सकते हैं।
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