ये हुआ था

अल्फ्रेड नोबेल: वह वैज्ञानिक जिसने डायनामाइट सहित अनेक विस्फोटक पदार्थों का आविष्कार किया

डायनामाइट के आविष्कारक अल्फ्रेड नोबेल की 10 दिसंबर को 123वीं डेथ एनिवर्सरी हैं। वह स्वी​डिश रसायनज्ञ, इंजीनियर और उद्योगपति थे। उन्होंने डायनामाइट और अन्य शक्तिशाली विस्फोटकों का आविष्कार किया था। उनकी पुण्यतिथि पर हर वर्ष 10 दिसंबर को नोबेल फाउंडेशन द्वारा नोबेल अवॉर्ड दिए जाते हैं जो वर्ष 1901 में शुरू किए गए थे। यह पुरस्कार 6 श्रेणियों चिकित्सा, रसायन विज्ञान, भौतिक विज्ञान, साहित्य, शांति और अर्थशास्त्र के क्षेत्र में व्यक्ति या किसी संस्था को दिए गए योगदान के लिए दिए जाते हैं।

जीवन परिचय

अल्फ्रेड बर्नहार्ड नोबेल का जन्म 21 अक्टूबर, 1833 को स्वीडन के स्टॉकहोम में हुआ था। उनके पिता इमानुएल नोबेल थे, जो पढ़े लिखे नहीं थे, परंतु वह एक आविष्कारक थे। उनके सात भाई—बहनें थे, जिनमें से तीन ही जिंदा बचे। जब वह 9 साल के थे तब उनके पिता रूस जा बसे।

उनका बचपन सेंट पीटर्सबर्ग (लेनिनग्राड) में गुजरा। उनके पिता ने यहां पर नाइट्रोग्लिसरीन का उद्योग शुरू किया जिसका उपयोग विस्फोटक के रूप में किया जाता था। यह उस समय ब्लास्टिंग ऑयल के नाम से प्रसिद्ध था। नोबेल के पिता को इस उद्योग में आरंभ से ही कई दुर्घटनाओं का सामना करना पड़ा। बाद में वर्ष 1859 में नाइट्रोग्लिसरीन फर्म का दिवालिया निकल गया। उनके पिता वापस स्वीडन आ गए और यहीं पर नाइट्रो ग्लिसरीन का उत्पादन प्रारम्भ कर दिया। परंतु उनके कारखाने में वर्ष 1864 में भीषण विस्फोट हुआ, जिससे उसमें कार्यरत मजदूरों और अल्फ्रेड के छोटे भाई एमिल की मौत हो गई।

डायनामाइट का आविष्कार

इस दुर्घटना के बाद उन्हें कारखाना फिर से शुरू करने की अनुमति नहीं मिली, तो उन्होंने मालारेन सरोवर पर बांध बनाकर उत्पादन जारी रखा। उनके शोध कार्य नाइट्रोग्लिसरीन के सुरक्षित परिवहन पर केन्द्रित था।

एक दिन अचानक नोबेल ने पाया कि एक विशेष कार्बनिक पैकिंग में नाइट्रोग्लिसरीन अवशोषित होकर शुष्क पदार्थ में परिणित हो जाती है। इस प्रकार इस विस्फोटक का हैंडलिंग सुरक्षित हो गया था। नोबेल ने 1867 में डायनामाइट का आविष्कार किया। इस नई खोज ने उन्हें ‘डाइनामाइट’ का निर्माण करने में सफल हुए। उनकी इस खोज ने डाइनामाइट का परिवहन सुरक्षित तथा सरल बनाया क्योंकि विस्फोट की घटनाओं के कारण कोई भी परिवहन व्यवस्था नाइट्रोग्लिसरीन को लाने और ले जाने के लिए तैयार नहीं होते थे।

उन्होंने वर्ष 1867 में डाइनामाइट का ब्रिटिश पेटेंट और वर्ष 1868 में अमरीकी पेटेंट प्राप्त किया। उन्होंने वर्ष 1889 ‘बेलिस्टाइट’ नामक बिना धुएं का विस्फोटक बनाया। इस तरह अल्फ्रेड ने कुल 335 पेटेंट हासिल किए, जिसमें कृत्रिम रबड़, चमड़े तथा कृत्रिम रेशम पेटेंट भी शामिल थे।

निधन

अल्फ्रेड नोबेल का 10 दिसंबर, 1896 को स्ट्रोक आने से इटली के सैनरमो शहर में देहांत हो गया।

Rakesh Singh

Leave a Comment

Recent Posts

रोहित शर्मा ने कप्‍तान हार्दिक पांड्या को बाउंड्री पर दौड़ाया।

रोहित शर्मा ने सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ फील्डिंग की सजावट की और कप्‍तान हार्दिक पांड्या…

9 months ago

राजनाथ सिंह ने अग्निवीर स्कीम को लेकर दिया संकेत, सरकार लेगी बड़ा फैसला

अग्निवीर स्कीम को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने…

9 months ago

सुप्रीम कोर्ट का CAA पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र सरकार से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को नागरिकता संशोधन कानून (CAA) रोक लगाने से इनकार कर दिया…

9 months ago

प्रशांत किशोर ने कि लोकसभा चुनाव पर बड़ी भविष्यवाणी

चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बड़ी भविष्यवाणी की है। प्रशांत…

9 months ago

सुधा मूर्ति राज्यसभा के लिए नामित, PM मोदी बोले – आपका स्वागत है….

आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इंफोसिस के चेयरमैन नारायण मूर्ति…

10 months ago

कोलकाता हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय ने थामा भाजपा दामन, संदेशखाली पर बोले – महिलाओं के साथ बुरा हुआ है…

कोलकाता हाई के पूर्व जस्टिस अभिजीत गंगोपाध्याय भाजपा में शामिल हो गए है। उन्होंने हाल…

10 months ago