हलचल

अक्षय: “देशप्रेम साबित करने की जरूरत नहीं” फिर BJP लाखों लोगों से क्यों यही चाहती है

अक्षय कुमार फिलहाल नाराज लग रहे हैं। अभिनेता और अराजनैतिक इंटरव्यू लेने वाले अक्षय कुमार ने शुक्रवार को कहा कि उनकी नागरिकता के सवाल पर बिना बात के विवाद हो रहा है। काफी दिनों से ये बात हो रही है कि अक्षय कुमार कनाडा के नागरिक हैं।

अक्षय कुमार एक ऐसे पब्लिक फिगर हैं जिन्होंने केवल 2014 के बाद से ही अपने करियर में 11 नेशनलिस्टिक फिल्में दी हैं। लेकिन फैक्ट यही है कि वे भारत के नागरिक नहीं हैं। सिनेमा के अपने इन्टेन्शन्स होते हैं और वे किसी भी रीजन को छोड़कर कमर्शियल ही हैं।

भारतीय जनता पार्टी की छवि इसी प्रकार की रही है कि जो लोग उनसे इत्तेफाक नहीं रखते हैं वे हमेशा उनको राष्ट्रवाद का लेक्चर देती आई है और कहती आई है क्या होता है असली इंडियन? फिर उससे कुछ फर्क नहीं पड़ता कि आप दूसरे देश से हैं और विदेश पासपोर्ट कैरी करते हैं।

लेकिन कुमार के बयान से कुछ गहरा पता चलता है। अक्षय कुमार ने कहा कि
‘मेरी नागरिकता को लेकर जो अनचाही और नकारात्मक बातें की जा रही हैं, वो मेरी समझ में नहीं आतीं। मैं ना कभी यह छिपाया है और ना ही कभी इंकार किया है कि मेरे पास कैनेडियन पासपोर्ट है। यह भी सच है कि मैंने पिछले 7 सालों से कनाडा का दौरा नहीं किया है। मैं भारत में काम करता हूं और यहीं अपने सारे टैक्स भरता हूं। इन वर्षों के दौरान, मुझे भारत के लिए अपना प्यार साबित करने की कभी ज़रूरत महसूस नहीं हुई थी, मुझे यह जानकर निराशा होती है कि मेरी नागरिकता के मुद्दे को लगातार विवादों में घसीटा जाता है। यह एक ऐसा विषय है जो निजी, क़ानूनी, ग़ैर राजनैतिक और दूसरों के मतलब का नहीं है। मैं आगे भी उन सभी कामों में अपना योगदान करता रहूंगा, जिनमें मेरा यक़ीन है और भारत को मजबूत करता रहूंगा।’

तथ्य यह भी है कि उन्होंने पहले इस बारे में कुछ अलग बातें कही हैं। उनने पब्लिकली कबूला है कि मैं कनाडा का एक सम्मानित नागरिक हूं और सभी लोगों को इस पर गर्व होना चाहिए।

इस बयान में वो लाइन जिसपर सबसे ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है तो वो है जिसमें अक्षय कुमार ने कहा कि मुझे भारत के लिए अपने प्रेम को साबित करने की कभी आवश्यकता नहीं है।

ये चीज फैक्ट है कि अक्षय कुमार ने कई तरीकों से खुद को भारत की उन राजनीति ताकतों के नजदीक किया है जो खुद कई लोगों से उनके भारतीय होने का सबूत मांगती है। बहरहाल इसमें राष्ट्रवाद पर फिल्में बनाने वाले अक्षय कुमार का नाम नहीं है लेकिन लाखों ऐसे लोग हैं जिनसे ये पूछा जाता रहा है।

भाजपा की बड़ी राजनीतिक परियोजना इस विचार पर आधारित है कि जो कोई भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के दृष्टिकोण से असहमत है वह राष्ट्र-विरोधी है और वह भारत में रहने के लायक नहीं है। यह देश के अल्पसंख्यकों विशेष रूप से मुस्लिमों द्वारा सबसे अधिक महसूस किया जाता है। लेकिन वक्त के साथ चीजें और भी बदल गई हैं अब इस लिस्ट में वो भी लोग आ चुके हैं जो बीजेपी पर सवाल खड़ा करते हैं।

भाजपा सचमुच पूरे देश के लिए एक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर बनाने का वादा कर रही है। ऐसा प्रयास एक ऐसा माहौल बनाने के उद्देश्य से किया गया है जहाँ भाजपा और उसके समर्थक देश में किसी के भी नागरिक होने पर सवाल उठा सकते हैं।
ऐसा करने के लिए किसी तरह के कानून की भी आवश्यकता नहीं पड़ रही है। ऐसा हो भी रहा है जिसमें बिना किसी कानून के भी आपके भारतीय होने का मतलब बदला जा रहा है।

बारीकी

यह मैसेज दिया जा रहा जिसमें प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष का अर्थ है कि एक संसदीय क्षेत्र जहां हिंदू पूरी तरह से प्रभावी नहीं हैं कुछ मायनों में भारतीय नहीं हैं। यह मैसेज भी दिया गया जब एक प्रसिद्ध टीवी पत्रकार को सवाल पूछने के लिए अपने पिता के सेना से संबंधित होने का सबूत देना पड़ा। पत्रकार को सवाल पूछने के लिए बताना पड़ता है कि उसके परिवार से लोग आर्मी में है। वीडियो खुद देख लीजिए।

यही मैसेज लोगों तक पहुंचाया गया जब भाजपा एक विधेयक पेश करती है जिसमें मुस्लिमों को छोड़कर सभी पड़ोसी देशों के शरणार्थियों को नागरिकता दी जाएगी। यह मैसेज जनता के बीच गया जब सिर्फ मुस्लिम होने के कारण लोगों को उकसाया जा सकता है कि भीड़ द्वारा पीटा और लताड़ा जाए।

बीजेपी ने एक ऐसा माहौल बनाने का काम किया है जिसमें मोदी और भगवा पार्टी के खिलाफ होना अपराध सा है और लोग ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से आप पर टूट पड़ते हैं। यह कानून पारित करना चाहता है, जो शाब्दिक रूप से सरकार को हर व्यक्ति को खुद को भारतीय कहने के अधिकार का आकलन करने की अनुमति देगा यह अपने आप में एक ऐसा प्रयास है जो अनिवार्य रूप से गरीब और कमजोर लोगों के खिलाफ होगा।

अपनी कनाडाई नागरिकता के बावजूद भारत के लिए अक्षय कुमार के प्यार पर सवाल खड़े होने नहीं चाहिए। लेकिन लाखों भारतीय नागरिकों के पास अपनी देशभक्ति का जज्बा दिखाने के लिए राष्ट्रवादी फिल्मों में एक्टिंग करने का आसान रास्ता नहीं है।

अक्षय कुमार को यह निराशा कर रहा है कि उनकी नागरिकता और देश के लिए प्यार पर विवाद हो रहा है। आम और मोदी की दिनचर्या पर चर्चा के अलावा अक्षय कुमार अपने हालिया टेलीविजन चर्चा के दौरान नरेंद्र मोदी से पूछना चाहिए था कि वह इस “अनावश्यक विवाद” को पूरे देश में लाखों नागरिकों तक क्यों पहुंचाना चाहते हैं?

Neha Chouhan

12 साल का अनुभव, सीखना अब भी जारी, सीधी सोच कोई ​दिखावा नहीं, कथनी नहीं करनी में विश्वास, प्रयोग करने का ज़ज्बा, गलत को गलत कहने की हिम्मत...

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