बढ़ते वायु प्रदूषण से प्रकृति में अनेकों रोगकारक पैदा हो रहे हैं जिनके कारण लोगों में अनेकों बीमारियां पैदा हो रही है। पर्यावरण चिंतकों के लिए इससे निजात पाना काफी कठिन प्रतीत हो रहा है, क्योंकि आए दिन वाहनों की आवाजाही बढ़ रही है।
इस वायु प्रदूषण की बढ़ती समस्या से लोग राहों पर ही नहीं, अपने घरों व दफ्तरों में भी स्वच्छ हवा के लिए तरस रहे हैं। इससे बचाव के लिए कई तरह के प्रयास किए जा रहे हैं, जैसे कि एयर फिल्टर, पौधों आदि का घर व दफ्तरों में प्रयोग, पर ये पूर्ण रूप से कारगर साबित नहीं हो रहे हैं। इस समस्या से निजात दिलाने के लिए वैज्ञानिकों ने एक बड़ी खोज की है।
वैज्ञानिकों ने एक ऐसी स्मार्ट और लचीली खिड़की का निर्माण किया हैं, जो घरों व ऑफिसों को वायु प्रदूषण से बचाने में कारगर सिद्ध हो सकती है।
वैज्ञानिकों द्वारा विकसित यह खास खिड़की हानिकारक सूक्ष्म कणों (पार्टिकुलैट मैटर या पीएम) को बाहर के वातावरण से अन्दर के वातावरण में प्रवेश करने से रोक सकती है। इससे अंदर की हवा को स्वच्छ रखने में मदद मिलगी। जिससे अन्दर के वातावरण में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य को उतना खतरा नहीं पहुंचता जितना बाहर के वातावरण में रहने वाले व घूमने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है।
वायु के प्रदूषित पीएम कणों को कम करने वाली यह स्मार्ट खिड़की व्यवसायिक भवनों और घरों दोनों में उपयोगी साबित हो सकती है। यह खिड़की वायु प्रदूषण के लिए दीवार का काम कर सकती है।
इस प्रकार से बनाया गया है स्मार्ट खिड़की को
शोधकर्ताओं ने इस स्मार्ट खिड़की को पारदर्शी चांदी और नायलॉन इलेक्ट्रॉड्स की मदद से तैयार किया है। उनका कहना है कि यह स्मार्ट खिड़की प्रकाश की तीव्रता को ट्यून करने यानि समायोजित करने में सक्षम है। यह एक तरह से कपड़े की झिल्ली है, जो प्रकाश को तो आर-पार जाने देती है, लेकिन प्रदूषण के कणों को खुद में सोखने की क्षमता रखती है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी तक पीएम 2.5 कणों को रोकने में सक्षम यह स्मार्ट खिड़की को बड़े आकार की बनाना एक चुनौती थी, लेकिन नए तरीके की मदद से यह समस्या आसान हो सकेगी। यह स्मार्ट खिड़की लंबे समय तक साथ देने वाली है।
वैज्ञानिकों ने इसे 10 हजार बार प्रयोग किया और करीब एक हजार बार इस पर खिंचाव डाला, लेकिन इसकी प्रदूषण के कणों को सोखने की क्षमता में कोई कमी नहीं आई।
यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ऑफ चाइना (यूएसटीसी) के वाईयू शोहॉन्ग के नेतृत्व में वैज्ञानिकों के दल ने यह खास खिड़की तैयार करने में सफलता हासिल की है।
इस स्मार्ट खिड़की की खास बात यह है कि इसे बनाने में अधिक खर्चा नहीं आता और समय भी कम लगता है।
शोधकर्ताओं के मुताबिक, 7.5 वर्ग मीटर की स्मार्ट खिड़की तैयार करने में केवल 15.03 अमेरिकी डॉलर (करीब एक हजार रुपये) और 20 मिनट लगते है।
अगर यह स्मार्ट खिड़की अपने बनाए गये पैमानों पर सही साबित होती है तो वायु प्रदूषण से होने वाले अनेक रोगों पर काबू पाया जा सकता है।
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