इंडियन एयरफोर्स आज अपनी स्थापना का 89वां दिवस (Indian Air Force Day) मना रही है। 8 अक्टूबर को भारतीय वायुसेना दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बार देश के लिए यह दिन इसलिए भी ख़ास है कि फ्रांस से खरीदे अत्याधुनिक राफेल विमानों में से 26 वायुसेना में शामिल किए जा चुके हैं। इसके अलावा कई चिनूक और अपाचे हेलीकॉप्टर भी एयरफोर्स में शामिल हुए हैं। कभी महज़ तीन लोगों के साथ शुरू हुई वायुसेना में आज 1,70,000 से ज्यादा जवान सेवारत हैं।
देश की शान और आकाश की महारथी भारतीय वायुसेना दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वायुसेना है। इंडियन एयर फोर्स ने समय-समय पर कई खतरनाक ऑपरेशंस को अपने अलग अंदाज़ में पूरे किए हैं। साल 2019 में पुलवामा में सीआरपीएफ काफ़िले पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के मानसेहरा जिले स्थित बालाकोट कस्बे में आतंकी ठिकानों पर एयर स्ट्राइक कर उन्हें नेस्तनाबूद कर दिया था। एयरफोर्स के इस पराक्रम की तारीफ़ें दुनियाभर में खूब हुईं।
भारतीय वायुसेना का गठन साल 1932 में किया गया था। उस वक़्त इसे रॉयल इंडियन एयरफोर्स के नाम से जाना जाता था। वर्ष 1945 के द्वितीय विश्व युद्ध में भारतीय वायु सेना के शानदार योगदान की वजह से इसके नाम के साथ रॉयल जोड़ने का निर्णय लिया गया था। लेकिन वर्ष 1947 की तथाकथित आज़ादी के तीन साल बाद यानि साल 1950 में रॉयल इंडियन एयरफोर्स का नाम बदलकर इंडियन एयरफोर्स कर दिया गया।
तब से हमारी वायुसेना अपने नए नाम इंडियन एयरफोर्स के नाम से पहचानी जाती है। अच्छी बात ये है कि जब कभी भी देश को वायु सेना की जरूरत पड़ी, हर मोर्चे पर एयरफोर्स ने कमाल का प्रदर्शन करते हुए सभी को चौंकाया है, जबकि शुरुआती दशकों में वायुसेना के पास गिनती के और कम ताकत वाले जेट हुआ करते थे।
इंडियन एयरफोर्स ने देश के बंटवारे के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान और चीन से अब तक हुए चार युद्धों में अपना पराक्रम और शौर्य दिखाया है। इसके अलावा इंडियन एयरफोर्स द्वारा ‘ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्ट्स, ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन पुमलाई और बालाकोट एयर स्ट्राइक’ जैसे कई प्रमुख ऑपरेशंस को शानदार तरीके से अंज़ाम दिया गया। इनके अलावा भारतीय वायु सेना ने संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियानों में कई ऐसे मिशन पूरे किए हैं जो दुनिया की किसी भी वायुसेना के लिए आसान नहीं थे।
भारतीय वायु सेना ने ऐसे मिशनों को भी बिना नुकसान के पूरा किया है। इसमें कई ऐसे मिशन शामिल हैं, जिनके लिए अमरीका जैसी विश्व महाशक्ति की एयरफोर्स ने असमर्थता जता दी थी। इसलिए IAF द्वारा किए गए मिशनों की तारीफ़ USA भी कर चुका है। इससे एयरफोर्स की क्षमता का अंदाजा लगाया जा सकता है।
साल 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच तीसरी बार युद्ध हुआ था। उस वक़्त इंडियन एयरफोर्स के पास रात में उड़ान भरने वाले एयरक्राफ्ट्स तक नहीं हुआ करते थे। लेकिन आज भारतीय वायुसेना की ताकत दुश्मन मुल्कों को युद्ध छेड़ने से पहले सोचने पर मज़बूर कर देती है। भारत के पास फिलहाल 2200 से ज्यादा एयरक्राफ्ट मौजूद हैं, जिसमें सभी तरह के विमान शामिल हैं। 750 से ज्यादा हेलीकाप्टर हैं, जिनमें 50 से ज्यादा लड़ाकू हेलीकॉप्टर शामिल हैं। इन हेलीकॉप्टर्स की राहत, बचाव कार्य के अलावा अन्य कार्यों में भी मदद ली जाती है।
इंडियन एयरफोर्स के फाइटर जेट्स के बेड़े में राफेल, सुखोई, मिराज, तेजस, मिग-29, मिग-27, मिग-21 बाइसन और जगुआर जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय वायु सेना के पास MI-26, Mi-25/Mi-35, MI-17V5, चेतक और चीता जैसे ताकतवर हेलीकाप्टर मौजूद हैं।
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अगर दुनिया की सबसे बड़ी वायुसेनाओं की बात करें तो सिर्फ़ अमरीका, चीन और रूस के पास भारत से बड़ी वायुसेना है। भारतीय वायु सेना में कुछ समय पहले ही 15 चिनूक और 22 अपाचे एयरक्राफ्ट शामिल हुए। इसके अलावा हाल में इंडियन एयरफोर्स में फ्रांस निर्मित 26 राफेल लड़ाकू विमान भी शामिल किए गए, जबकि इन विमानों के सौदे के मुताबिक अभी 10 और आने बाकी हैं। जानकारी के अनुसार, साल 2022 तक सभी 36 राफेल फाइटर जेट भारतीय वायुसेना में ऑपरेशनल हो जाएंगे। चीन के साथ एलएसी पर टकराव की स्थिति को देखते हुए सरकार भी आधुनिक हथियारों की खरीद पर जोर दे रही है।
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