अपनी रूमानी अदाओं से सिने-दर्शकों को दीवाना बनाने वाली बॉलीवुड अभिनेत्री साधना 60 के दशक की सबसे खूबसूरत और बेहतरीन अदाकाराओं में से एक थीं। साधना अभिनय से ज्यादा अपनी ख़ास हेयर स्टाइल को लेकर पॉपुलर हुईं। हिंदी फिल्मों की अभिनेत्री साधना का जन्म 2 सितंबर, 1941 को ब्रिटिश-इंडिया शासन काल में सिंध प्रांत के कराची शहर (अब पाकिस्तान) में हुआ था। उनका पूरा नाम साधना शिवदासानी था। साधना ने दो दशक से ज्यादा समय तक फिल्मों में काम किया और अपनी एक अलग पहचान कायम कीं। अपने जमाने की इस ख्यातनाम अदाकारा की 82वीं बर्थ एनिवर्सरी के अवसर पर जानिए उनके जीवन के बारे में कुछ रोचक बातें…
अभिनेत्री साधना ने महज 14 साल की उम्र में अपने अभिनय करियर की शुरुआत कर दी थी। उनकी डेब्यू फिल्म वर्ष 1955 में रिलीज़ हुई ‘श्री 420’ थी। इस फिल्म में राज कपूर बतौर लीड रोल में थे। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में काम किया।
मगर वर्ष 1960 में आई फिल्म ‘लव इन शिमला’ उनके फिल्मी करियर में मील का पत्थर साबित हुईं। इस फिल्म की सफलता के बाद साधना ने कई फिल्मों में काम किया, जिनमें ‘हम दोनों’, ‘परख’, ‘एक मुसाफिर एक हसीना’, ‘आरजू’, ‘वो कौन थी’, ‘मेरा साया’, ‘राजकुमार’, ‘वक्त’, ‘मेरे महबूब’, ‘एक फूल दो माली’ जैसी फिल्मों में शामिल हैं।
जहां एक तरफ साधना हिंदी सिनेमा में अपनी धाक जमा रही थी, वहीं दूसरी तरफ बिना शोहरत की परवाह किए उन्होंने महज़ 16 साल की उम्र में शादी कर ली। फिल्म ‘लव इन शिमला’ के सेट पर साधना की मुलाकात निर्देशक राम कृष्ण नैय्यर से हुईं। वर्ष 1966 में साधना ने ‘लव इन शिमला’ के निर्देशक आरके नैय्यर से शादी कर ली थी।दिलचस्प बात ये है कि इस शादी के लिए साधना के परिवार वाले तैयार नहीं थे, मगर राज कपूर की मदद से इनकी शादी संभव हुई।
एक्ट्रेस साधना ना सिर्फ अपनी फिल्मों को लेकर चर्चाओं में रही, बल्कि अपने स्टाइल स्टेटमेंट को लेकर खूब सुर्खियां बटोरी। फिल्म ‘लव इन शिमला’ में पहली बार साधना को नए अवतार में देखा गया। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फिल्म के निर्देशक आरके नैय्यर ने ही साधना को यह हेयरस्टाइल अपनाने को कहा था। ना सिर्फ ये फिल्मों में बल्कि आम लोगों के बीच भी यह हेयरस्टाइल बहुत पॉपुलर हुआ, जो आज भी कई लड़कियों को बेहद पसंद है।
वर्ष 1995 में साधना के पति आरके नैय्यर का निधन हो गया था, जिसके बाद अभिनेत्री अकेली रह गईं। इन दोनों की कोई संतान नहीं थीं। खबरों की मानें तो उस वक्त साधना ‘हाइपरथाईरॉडिज्म’ का शिकार हो गई थीं, जिसकी वजह से उन्होंने फिल्मों को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया। उनकी आखिरी फिल्म ‘उल्फत की नई मंजिलें’ हैं। 25 दिसंबर, 2015 को साधना ने हिंदुजा अस्पताल में आखिरी सांस लीं। आज वे भले ही हमारे बीच नहीं हैं, मगर अपनी सुपरहिट फिल्मों और दमदार अभिनय के लिए हमेशा याद की जाएंगी।
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