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एक मां को उसकी चार साल पहले मृत बेटी से आभासी दुनिया में मिलाया, जानें कैसे

आभासी वास्तविकता (वर्चुअल रियलिटी) तकनीक के माध्यम से आज के समय में बहुत कुछ संभव हो रहा है। अब वर्चुअल रीऐलिटी के माध्यम से किसी मृतक व्यक्ति को भी जीवित कर उनके परिजनों से मिलाया जा रहा है। इससे उनको दुख का सामना करने में मदद मिल रही है। ऐसा ही एक वाकया कोरियाई टेलीविजन शो में देखने को मिला। वहां एक मां को चार साल पहले मृत अपनी सात वर्षीय बेटी से मिलाने के लिए स्पर्श-संवेदनशील दस्ताने और ऑडियो का उपयोग किया। इस कोरियाई टीवी शो ‘मीटिंग यू’ में सात साल की लड़की नायोन की चार साल पहले एक बीमारी से मौत हो चुकी थी, से एक बार फिर उसकी मां से मिलन की दास्तां दिखाई गई।

बेटी से मिल, भावुक हुई मां

‘मीटिंग यू’ शो में जब मृत नायोन को उसकी मां जैंग जी सुंग से मिलाया गया। इस दौरान जैंग को वर्चुअल रियलिटी हेडसेट पहनाया गया। जैंग को एक पार्क में ले जाया गया। जहां नायोन चमकदार बैंगनी ड्रेस पहनकर मुस्कुराती हुई अपनी मां की ओर आई। नायोन ने कहा कि अब उसे कोई दर्द नहीं होता है। इस आभासी दुनिया में दोनों मां-बेटी ने एक-दूसरे को छुआ भी।

वर्चुअल रियलिटी में पहुंचकर जैंग खुद सकुचासी गई ​थी। जब नायोन ने उससे कहा कि मां मेरा हाथ पकड़ो। जैंग ने नायोन को कहा कि मैं तुम्हे बहुत याद करती हूं। जैंग की आंखों से आंसू बह निकले। शो के दौरान दर्शकों में बैठे नायोन के पिता और भाई-बहन भी भाव विहल हो गए।

डिजिटल रेप्लिका बनाया गया

दरअसल, कोरियाई कंपनी एमबीसी ने नायोन का डिजिटल रेप्लिका बनाया। नायोन की आवाज, शरीर और चेहरे की हू-ब-हू नकल तैयार की गई। इसे डिजिटली अपलोड किया गया। मां जैंग ने वर्चुअल रियलिटी हेडसेट पहना तो उसे ऐसा अहसास हुआ कि वह नायोन से मिल रही है।

जैंग जी सुंग ने अपने ब्लॉग में लिखा कि ‘मीटिंग यू’ टीवी शो के माध्यम से वह उन लोगों को संदेश देना चाहती है, जिन्होंने असमय अपने प्रियों को खोया है। अपनी बेटी नायोन की स्मृति वाला नेकलेस पहने सुंग ने बताया कि उसे उम्मीद है कि वह भविष्य में फिर अपनी बेटी नायोन से मिलेगी।

क्या है वर्चुअल रियलिटी

वर्चुअल रियलिटी (आभासी वास्तविकता) आधुनिक समय की उपयोगी तकनीक है। सामान्य तौर पर कम्प्यूटर हार्डवेयर और सोफ़्टवेयर के इस्तेमाल से एक वास्तविक वातावरण को लोगों के लिए जीवंत बना देने की तकनीक है। इसके माध्यम से हम किसी भी स्थान को हुबहू ऐसे देख सकते है, जैसे की हम उस समय उसी स्थान पर खड़े हों। इससे किसी भी जगह का 3D नजारा अपनी आखों से देख सकते है।

इस प्रकार के अनुभव के दौरान दृश्य आपके सिर हिलाने, चलने और अन्य प्रकार की हलचल और गतिविधियां करने के साथ बदल और नियंत्रित होता रहता है। इसको आम तौर पर चिकित्सा, वीडियो गेमिंग और सैन्य प्रशिक्षण में इस्तेमाल किया जा सकता है।

Rakesh Singh

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