इस बार संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से शुरु होने जा रहा है। उससे पहले 18 जुलाई को सुबह 11 बजे एक सर्वदलीय बैठक बुलाई गई है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की ओर से सभी केंद्रीय राजनीतिक दलों को इस बैठक के लिए आमंत्रित किया गया है। इस बैठक में सत्ता पक्ष, विपक्ष से मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सहयोग मांगेगा। आपको जानकारी के लिए बता दें कि संसद सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाने की दशकों से एक परंपरा चली आ रही है। इसी वजह से केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री जोशी द्वारा सभी दलों को बैठक में आमंत्रित किया गया है।
मानसून सत्र के हंगामेदार रहने की संभावना, विपक्ष घेरने को तैयार
सत्र शुरू होने से पहले ही इस बात की संभावना जताई जा रही है कि इस बार मानसून सत्र हंगामेदार रह सकता है। विपक्ष कोरोना, टीकाकरण, महंगाई और राफेल जैसे कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार को घेरने की योजना बना रहा है। बताया जा रहा है कि संसद के मानसून सत्र में केंद्र सरकार 30 बिल लेकर आएगी। वहीं, कुछ भाजपा सांसद जनसंख्या नियंत्रण और समान आचार संहिता पर प्राइवेट मेंबर बिल पेश करने वाले हैं।
सत्र के दौरान सांसदों को कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा
भाजपा ने संसद के मानसून सत्र के दौरान अपने सभी सांसदों को सदन में मौजूद रहने को कहा है। लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने संसद की तैयारियों का जायजा लेकर यह सुनिश्चित किया है कि संसद सत्र के दौरान कोरोना प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन हो। मालूम हो कि संसद सत्र में शामिल होने के लिए दोनों सदनों के सांसदों को पहले ही कोरोना टीका के दोनों डोज लेने को कहा गया था।
ताज़ा जानकारी के अनुसार, राज्यसभा के 231 सांसदों में से अब तक 200 से ज्यादा सदस्यों ने कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक ले ली है। जबकि 16 राज्यसभा सांसदों ने इसकी पहली डोज ले ली है। वहीं, लोकसभा में 540 में से 470 सांसदों ने कम से कम कोरोना टीके की एक डोज ले ली है। जिन सांसदों ने अभी तक कोरोना का टीका नहीं लगवाया है, उन्हें टीका लगवाने तक सदन में शामिल होने के लिए हर दो हफ्तों में आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना अनिवार्य होगा।
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