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पुतिन के दौरे पर भारत और रूस के बीच 28 समझौतों पर हुए हस्ताक्षर, दोस्ती का बढ़ेगा दायरा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की एक दिवसीय भारत यात्रा के दौरान दोनों देशों ने दोस्ती को और मजबूत करते हुए 28 समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इनमें दोनों देशों के बीच कनेक्टिविटी से लेकर सैन्य सहयोग, ऊर्जा साझेदारी से लेकर अंतरिक्ष क्षेत्र में भागीदारी समेत कई अहम करार शामिल हैं। समझौतों के बाद दोनों देशों ने संयुक्त बयान जारी कर अपनी दोस्ती को शांति, प्रगति और समृद्धि की साझेदारी बताया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन का स्वागत करते हुए कहा कि पिछले कई दशकों में वैश्विक स्तर पर कई मूलभूत बदलाव आए हैं। कई तरह के राजनीतिक समीकरण उभरे हैं, लेकिन इन सभी बदलावों के बीच भी भारत और रूस की दोस्ती स्थिर रही है। उन्होंने कहा कि दोनों देशों ने न सिर्फ एक-दूसरे के साथ नि:संकोच सहयोग किया है, बल्कि एक-दूसरे की संवेदनशीलताओं का भी खास ध्यान रखा है। यह विश्व में दोस्ती का एक अनोखा और विश्वसनीय मॉडल है।

भारत महान शक्ति, एक मित्र और भरोसेमंद दोस्त: पुतिन

कोरोना संकट के बीच बीते करीब दो सालों के दौरान अपनी दूसरी विदेश यात्रा पर दिल्ली आए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी कहा कि रूस की नज़र में भारत एक महान शक्ति, एक मित्र देश और समय की कसौटी पर परखा हुए भरोसेमंद दोस्त है। दोनों देशों के रिश्ते तेजी से बढ़ रहे हैं और भविष्य की ओर देख रहे हैं। भारत और रूस के बीच 21वीं शिखर वार्ता के साथ ही सोमवार को दोनों देशों के विदेश और रक्षा मंत्रियों की 2+2 बातचीत का भी दौर हुआ।

बैठक में दोनों देशों के बीच कई मुद्दों पर हुई विस्तार चर्चा

भारत और रूस के बीच बैठक के बाद भारतीय विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा कि दोनों देशों के बीच वार्ताओं में व्यापक और खुली चर्चा हुई। एक सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख के सीमा तनाव से लेकर हिंद महासागर में भारत की सुरक्षा से जुड़े सभी जरूरी पहलुओं पर भी बैठक में बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच हुई शिखर वार्ता और समझौतों को दोनों देशों के रिश्तों का दायरा बढ़ाने वाला और नए मुकाम तक पहुंचाने वाला करार दिया। श्रृंगला ने बताया कि एक तरफ जहां अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर की योजना आगे बढ़ाने पर रजामंदी हुई। वहीं, दोनों पक्ष जल्दी ही भारत के चेन्नई को रूस के व्लादिवोस्तक तक जोड़ने वाले समुद्री गलियारे पर भी तेजी से काम करने को लेकर सहमत हैं।

अगले एक दशक के लिए सैन्य व तकनीकी सहयोग बढ़ाने का फैसला

वार्ता के दौरान भारत और रूस ने अपने सैन्य और तकनीकी सहयोग समझौते को अगले 10 वर्ष तक के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। इसके तहत साझा सैन्य उत्पादन और अनुसंधान-विकास पर सहमति बनी। भारत और रूस के शीर्ष नेताओं ने बैठक में आंतकवाद और अफगानिस्तान के मुद्दे को लेकर भी चर्चा की। शिखर वार्ता के साथ हुए समझौतों की कड़ी में भारत के रिजर्व बैंक और रूस के बैंक ऑफ रशिया ने सायबर हमलों के खिलाफ मिलकर लड़ने का करार किया है। दोनों देशों ने इस्पात के क्षेत्र में भी साझेदारी बढ़ाने के लिए सहयोग समझौते पर दस्तखत किए।

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Raj Kumar

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