राजस्थान विधानसभा चुनाव के परिणाम कल आ गए जिसमें कांग्रेस ने राज्य में बहुमत हासिल किया, हालांकि मुख्यमंत्री के नाम पर अभी भी सचिन पायलट और अशोक गहलोत के नाम पर संशय बना हुआ है जो आज शाम तक साफ हो सकता है। चुनाव के नतीजे जारी होने के बाद अब विशेषज्ञ अपने-अपने हिसाब से इसका आंकलन कर रहे हैं। सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के इस बार कम से कम 17 दिग्गज मंत्री राजस्थान में अपनी ही सीट नहीं बचा पाए। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार भाजपा विरोधी लहर का साफ असर देखने को मिला।
राज्य में कृषि मंत्री प्रभु लाल सैनी अपनी अंता सीट से हार गए जहां उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी, कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया ने 34,063 वोटों के अंतर से उन्हें हरा दिया।
खेल मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर लोहावट सीट से कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी किशन राम विष्णोई से हार गए। लोक निर्माण विभाग मंत्री यूनुस खान, जिन्हें टोंक निर्वाचन क्षेत्र से राज्य कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट के सामने उतारा गया था उनको भी हार का सामना करना पड़ा। पायलट ने 109,040 वोट हासिल किए और 54,179 वोटों से जीत हासिल की।
जनजातीय क्षेत्र के मंत्री नंदलाल मीणा के बेटे हेमंत मीणा ने प्रतापगढ़ सीट भी कांग्रेस के रामलाल से हार गए, जिन्होंने 100,625 वोट हासिल किए और 16,668 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। उद्योग मंत्री राजपाल सिंह शेखावत को झोटवाड़ा सीट पर कांग्रेस के लालचंद कटारिया से हार का सामना करना पड़ा, जिन्होंने 127,185 वोट हासिल किए, जिससे 10,747 वोटों के अंतर से जीते।
जल संसाधन मंत्री रामप्रताप कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी विनोद कुमार से हनुमानगढ़ सीट पर हार गए। मंत्री हेम सिंह भड़ाना थांगजी निर्वाचन क्षेत्र से हार गए। उन्हें निर्दलीय उम्मीदवार कांती प्रसाद ने हराया, जिन्होंने 64,079 वोट हासिल किए और 29,350 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
मंत्री अजय सिंह किलक भी कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी विजयपाल मिर्दहा के सामने डेगाना निर्वाचन क्षेत्र से हार गए, जिन्होंने 75,362 वोट हासिल किए और 21,538 मतों के अंतर से जीत हासिल की। सामाजिक न्याय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री अरुण चतुर्वेदी को भी कांग्रेस के प्रताप सिंह खाचरियावास से जयपुर की सिविल लाइंस सीट से हार झेलनी पड़ी, जिन्होंने 87, 937 वोट हासिल किए और 18,078 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
शहरी विकास मंत्री श्रीचंद कृपलानी निम्बाहेड़ा सीट से कांग्रेस के अंजना उदयलाल से हार गए, जिन्होंने 110,037 वोट हासिल किए और 11,908 वोटों के मार्जिन से जीत हासिल की। राजस्व मंत्री अमरा राम को पचपदरा सीट पर कांग्रेस के मदन प्रजापत से हार का सामना करना पड़ा, जिन्होंने 69,393 मत हासिल किए और 2,395 वोटों के अंतर से जीते। कला और संस्कृति मंत्री कृष्णेंद्र कौर (दीपा) को बहुजन समाज पार्टी के प्रतिद्वंद्वी जोगिंदर सिंह अवाना ने नदबई सीट से हरा दिया, जिन्हें 50, 976 वोट मिले।
खान मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह की करणपुर सीट से हार हुई जहां कांग्रेस के गुरमीत सिंह कुन्नर (73, 896 वोट) 28,376 वोटों के अंतर से जीते। राज्य मंत्री ओटाराम देवासी को निर्दलीय प्रत्याशी संयम लोढा के हाथों सिरोही निर्वाचन क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा, जिन्होंने 81,272 वोट हासिल किए और 10,253 वोटों के अंतर से जीते।
मंत्री बंशीधर बाजिया निर्दलीय प्रत्याशी महादेव सिंह के सामने खंडेला सीट से हार गए, महादेव सिंह ने 53,864 वोट हासिल किए और 4,348 वोटों के अंतर से चुनाव जीता। मंत्री सुशील कटारा को भारतीय जनजातीय पार्टी के उम्मीदवार राजकुमार रोत ने चोरसी सीट से हरा दिया, जिन्होंने 64,11 9 वोट हासिल किए और 12, 934 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
वहीं आखिर मे मंत्री कामसा ने भी भोपालगढ़ सीट खो दी जहां राष्ट्रीय लोकतंत्र पार्टी के प्रतिद्वंद्वी पुखराज ने उन्हें हराया, जिन्होंने 68,386 वोट हासिल किए और 22,584 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
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